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Action taken: पराली जलाने पर की गई कार्रवाई, नवादा में सरकारी लाभ से वंचित किए गए तीन किसान

खेतों में फसल का अवशेष जलाने पर अकबरपुर और हिसुआ प्रखंड के रहने वाले तीन किसानों पर कृषि विभाग ने कार्रवाई की है। इन्‍हें कृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं से वंचित कर दिया गया है। विभाग ने लोगों से खेतों में पराली नहीं जलाने की अपील की है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 07:32 AM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 08:25 AM (IST)
Action taken: पराली जलाने पर की गई कार्रवाई, नवादा में सरकारी लाभ से वंचित किए गए तीन किसान
कार्रवाई के बावजूद नहीं थम रहा पराली जलाने का सिलसिला। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

जेएनएन, नवादा। खेतों में पराली (पुआल) जलाने पर कृषि विभाग (Agriculture Department) ने सख्‍त रुख अख्तियार कर लिया है। ऐसा करने वाले तीन किसानों पर इस क्रम में कार्रवाई की गई है। उन्‍हें कृषि विभाग की लाभकारी योजनाओं (Beneficial Schemes) से वंचित कर दिया गया है। विभाग की इस कार्रवाई की जद में और लोग आएंगे। इससे हड़कंप मच गया है।

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जिला कृषि पदाधिकारी (District Agriculture Officer) अरविंद कुमार झा ने बताया कि अकबरपुर प्रखंड के डेरमा गांव के किसान अरविंद कुमार के खेत में पराली जलाई जा रही थी। वहीं हिसुआ प्रखंड के भदसेनी गांव में किसान मुकेश कुमार और महेंद्र शर्मा के खेतों में भी पराली जलाने की सूचना मिली। जांच में मामला सही पाए जाने पर तीनों किसानों को सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित कर दिया गया है।

खेतों में नहीं जलाएं पराली

जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले के तमाम किसानों से अपील की है कि अपने-अपने खेतों में पराली नहीं जलाएं। पराली जलाना नुकसानदेह है। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। दुष्‍प्रभावों को देखते हुए ही सरकार ने पराली जलाने पर रोक लगा दी है। पराली जलाने से मुख्य तौर पर हवा प्रदूषित होती है। इसके धुएं से आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होती है। प्रदूषित कणों की वजह से अस्थमा और खांसी जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा निमोनिया और दिल की बीमारी जैसे रोग भी बढ़ रहे हैं।

किसानों को किया जा रहा जागरूक

डीएओ अरविंद झा ने बताया कि पराली नहीं जलाने को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। जल्द ही किसानों के बीच प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया जाएगा जिसमें खेतों में पराली जलाने से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा। लोगों को खुद भी सतर्क होना पड़ेगा। प्रदूषण से किसानों का काफी अहित होता है।

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