झाड़-फूंक के चक्कर में सर्पदंश से पीडि़त युवक की गई जान, भभुआ के गोराईपुर गांव की घटना
अंधविश्वास में पड़कर झाड़-फूंक कराने के चक्कर में भभुआ थाना क्षेत्र के गोराईपुर गांव निवासी सर्पदंश से पीडि़त एक युवक की जान चली गई। झाड़-फूंक के बाद सदर अस्पताल लाने के दौरान रास्तें में ही उसकी मौत हो गई।
भभुआ, जागरण संवाददाता। अंधविश्वास में पड़कर झाड़-फूंक कराने के चक्कर में बुधवार को भभुआ थाना क्षेत्र के गोराईपुर गांव निवासी सर्पदंश से पीडि़त एक युवक की जान चली गई। सदर अस्पताल लाने के दौरान रास्तें में ही उसकी मौत हो गई। इसकी पुष्टि सदर अस्पताल पहुंचने पर ड्यूटीरत डॉ. अभिलाष चंद्रा ने की। इसके बाद दुखी परिजन शव को दाह संस्कार के लिए घर ले गए। बता दें कि सरकार व प्रशासन के स्तर से सर्पदंश से पीडि़त को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए जागरूक किया जाता है, बावजूद आए दिन अंधविश्वास के चक्कर में लोग जान गंवा बैठते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार गोराईपुर गांव निवासी मकसुदन बिंद के लगभग 35 वर्षीय टुनटुन बिंद बुधवार की सुबह घर से खाना खाकर पिपरिया सिवाना में खेती देखने गए थे। इसी दौरान लगभग साढे दस बजे जहरीले सांप ने उनके बाएं पैर में डंस लिया। सर्प को काटकर जाते देख उनके चिल्लाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। साथ ही घर के अन्य लोगों ने जानकारी होने पर ग्रामीणों के कहने पर दुर्गावती थाना क्षेत्र के कुशहरिया गांव में उसे झाड़-फूंक कराने को ले गए। लेकिन वहां पहुंचने व झाड़-फूंक के बाद भी स्थिति में सुधार न होने पर परिजन पीडि़त को लेकर खरिगांवा होते सदर अस्पताल को रवाना हुए। तब तक काफी विलंब होने व विष के शरीर में फैल जाने के कारण सदर अस्पताल पहुंचने से पूर्व की युवक की मौत हो गई।
सदर अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सक ने देखने के बाद युवक को मृत घोषित कर दिया। अंचल व ब्लाक से सर्पदंश से मौत होने पर कोई मुआवजा नही मिलने की जानकारी होने पर परिजन पोस्टमार्टम न कराकर शव को दाह संस्कार के लिए गांव ले गए। मृतक विवाहित था। वह अपने पीछे एक पुत्र व दो छोटी पुत्रियों को छोड़ गया है। एक तरफ जहां उपस्थित गांव के लोगों ने सरकार से मुआवजा दिलाने की मांग की वहीं अस्पताल परिसर में मौजूद कुछ प्रबुद्धजनों ने सरकार से सर्पदंश से मौत को भी आपदा में शामिल करते हुए मृतक के परिजनों को कुछ मुआवजा दिलाने की व्यवस्था करने की मांग की।