गया का एक थाना जहां दर्ज नहीं होती एफआइआर, 25 वर्षों से पूर्ण दर्जे का इंतजार, फाइलों में दम तोड़ रहा आदेश
बिहार के डोभी पुलिस थाना में एफआइआर उर्ज नहीं होती। उसे 25 वर्षों से पूर्ण दर्जे का इंतजार है। उसे आज जक पूर्ण दर्जा नहीं मिला है। इसे लेकर दिया गया आदेश फाइलों में ही दम तोड़ रहा है।
गया, जेएनएन। गया के डोभी में प्रखंड कार्यालय और थाना भवन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 28 दिसंबर 1994 को किया। दोनों कार्यालय के अपने भवन बन गए। दोनों को भवन उपलब्ध भी करवाए गए। परन्तु डोभी थाना को आज तक उप थाना का ही दर्जा प्राप्त है। डोभी थाना में फरियादी के द्वारा दिये जाने वाले प्राथमिकी के आवेदन को रजिस्टर पर चढ़ाने के बाद उसे प्राथमिकी दर्ज करने हेतु शेरघाटी थाना को भेजा जाता है। डोभी थाना में प्राथमिकी दर्ज नही होने से बहुत परेशानी होती है परंतु इस ओर किसी को कोई धयान नही है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने डोभी उप थाना को पूर्ण थाना के लिए फ़ाइल बढ़ाने के लिए स्थानीय जिले के अधिकारी को कहा परन्तु यह आदेश आज तक फ़ाइल में दम तोड़ दिया और डोभी उप थाना ही आज तक रह गया।
- वायरलेस का ऑपरेटर नही होने के कारण ओडी में बैठे ही इसका जिम्मेवारी निभाते हैं। मुंशी के तौर पर सरकार ने थाना मैनेजर की बहाली कर रखा है परंतु मुंशी का कार्य भी एक अधिकारी ही संभालते हैं।
- सूबे में शराब बंदी के बाद बड़ी संख्या में वाहन पकड़े गए जिसके बाद इन्हें रखने के लिए थाना में स्थान नही मिल रहा है जिसके कारण इन्हें थाना परिसर से बाहर रखना पड़ रहा है। इसे सुरक्षित रखना मुश्किल है। थाना के बाहर और लालू आहार के समीप सैकड़ो बेशकीमती जप्त गाड़ियां लगाई गई है वही जिला परिषद का डाकबंगला में भी बड़ी संख्या में वाहन लगाए गए हैं।
- थाना में सरकार के द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगाया है। थाना में दो चालक है। डोभी थाना को एक बुलेट प्रूफ गाड़ी भी है और एक जीप भी। दोनो गाड़ी की हालत खराब है। थाना के द्वारा निजी वाहन का उपयोग किया जाता है थाना के कार्य में।
- थाना में पुलिस के जवानों को रहने के लिए पूरी व्यवथा नही है । सभी को रहने के लिए बैरक की कमी है, जिसके लिए वर्तमान थानाध्यक्ष राहुल रंजन ने खुद का प्रयाश करके कई अस्थायी बैरक बनवाया है जिसमे लोग रह रहे हैं।
- जीटी रोड किनारे होने के कारण डोभी थाना का जिम्मेवारी बहुत ज्यादा है। एंट्री माफिया से लेकर अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसने के लिए यह थाना काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। नक्सल इलाका भी इससे सटा हुआ है।
डोभी में एफआइआर नही होने से परेशानी
इस बाबत थानाध्यक्ष राहुल रंजन ने कहा कि प्राथमिकी डोभी में नही होने से कभी-कभी बहुत ज्यादा दिक्कत होता है। डोभी को उप थाना का दर्जा प्राप्त है। थाना में व्यवस्था को लेकर आपस मे सहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए कार्य करते है। थाना को पब्लिक के सहयोग के लिए हमेशा खड़ा है।