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हथौड़े से जख्‍मी युवक गया थाने तो औरंगाबाद पुलिस ने किया हाजत में बंद, बेहोश होने पर भेजा अस्‍पताल

गुरुवार रात औरंगाबाद के उपहारा थाना क्षेत्र में हुई मारपीट में बीचबचाव के दौरान जख्‍मी युवक ने पुलिस पर अमानवीय व्‍यवहार का आरोप लगाया है। कहा है कि शिकायत लिखने और इलाज कराने के लिए भेजने की जगह उसे हवालात में बंद कर दिया।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 03:51 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 03:51 PM (IST)
हथौड़े से जख्‍मी युवक गया थाने तो औरंगाबाद पुलिस ने किया हाजत में बंद, बेहोश होने पर भेजा अस्‍पताल
हथौड़े के प्रहार से जख्‍मी योगेंद्र यादव। जागरण

गोह (औरंगाबाद), संवाद सूत्र। उपहारा थाना क्षेत्र के आशापुर गांव में गुरुवार की रात रास्ता विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो रही थी। इसी दौरान पड़ोसी युवक बीच बचाव करने पहुंच गया। इसका परिणाम यह हुआ कि उसे हथौड़े से मारकर जख्‍मी कर दिया गया। हद तो यह कि जब इसकी शिकायत करने वह थाने पहुंचा तो पुलिस ने इलाज कराने की जगह उसे हवालात में बंद कर दिया। आरोप है कि पांच घंटे तक उसे थाने में रखा गया। जब थानाध्यक्ष गश्ती से लौटे तब उसे पीएचसी लेकर गए। वहां उसका इलाज किया गया। हालांकि पुलिस हवालात में बंद करने की बात से इन्‍कार कर रही है।

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छज्‍जा को लेकर हो रही मारपीट में पहुंचा था बीचबचाव करने

घटना के संबंध में बताया जाता है कि लालदेव यादव के मकान के छज्‍जे को लेकर पड़ोसी रामजन्म यादव से विवाद हो रहा था। बात मारपीट तक पहुंच गई। इसी दौरान योगेंद्र कुमार अपने चाचा रामजन्म यादव को पिटता देख बीच बचाव करने गया। इस दौरान लालदेव यादव के पुत्र विजय कुमार ने हथौड़े से योगेंद्र के सिर पर प्रहार कर दिया। इसमें वह जख्‍मी हो गया। इसकी श्‍ािकायत लेकर योगेंद्र थाने पहुंचा। पुलिस को पूरी बात बताई। लेकिन वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने उसकी शिकायत सुनने व उसे इलाज के लिए भेजने की जगह उसे हवालात में बंद कर दिया। करीब पांच घंटे तक बंद करके रखा।

बेहोश होकर गिर पड़ा तब इलाज के लिए ले गई पुलिस

जब घायल युवक बेहोश होकर गिर पड़ा। तब पुलिस ने इलाज के लिए गोह पीएचसी में भर्ती कराया। उसके बाद उसे पुलिस ने समझा बुझाकर घर भेज दिया। इस मामले में थानाध्यक्ष रामराज सिंह ने बताया कि युवक को हवालात में बंद नहीं किया गया था। केवल पता लगाया जा रहा था कि घटना कैसे हुई। इसके बाद गोह पीएचसी ले जाकर उसका इलाज कराया गया। इधर पुलिस की इस कार्यशैली से कई सवाल उठ रहे हैं। हथौड़े के प्रहार से सिर फटे व्‍यक्ति का इलाज करने की जगह उसके साथ ऐसा सलूक करना कहां तक उचित है।


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