बसंत पंचमी को लेकर श्रृंगी ऋषि पहाड़ी पर पूजा के साथ लगा भव्य मेला, जाने चार हजार फीट ऊपर का रहस्य
रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत स्थित फुलवरिया जलाशय के निकट श्रृंगी ऋषि पहाड़ी के 4000 फीट से भी ऊपर घने जंगलों से होकर पहाड़ी के शिखर पर पहुंच ध्वजा और प्रसाद चढ़ाने का पुराना परंपरा है। लोग चना भाव से उपस्थित होकर धूमधाम से पूजा अर्चना करते हैं।
संवाद सूत्र, रजौली (नवादा)। रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत स्थित फुलवरिया जलाशय के निकट श्रृंगी ऋषि पहाड़ी के 4000 फीट से भी ऊपर घने जंगलों से होकर पहाड़ी के शिखर पर पहुंच ध्वजा और प्रसाद चढ़ाने का पुराना परंपरा है। पुराने जमाने से मान्यता है कि यहां पर सच्चे दिल मन्नत मांगने से संतान प्राप्ति होता है। जिसके कारण लोग चना भाव से उपस्थित होकर धूमधाम से पूजा अर्चना करते हैं।
प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के दिन श्रृंगी ऋषि की पूजा को लेकर एक दिवसीय भव्य मेला आयोजित कि जाती है। इसी क्रम में मंगलवार को पूरे दिन लोगों का मेला लगा रहा। मेला में बच्चों के मनोरंजन के लिए अनेकों प्रकार के खिलौने, मिठाई की दुकान सजाया गया था।जिससे परिजनों के साथ आए बच्चे इठलाती हुए मिठाइयों का आनंद लिया। साथ ही यहां पर उपस्थित श्रद्धालु फुलवरिया जलाशय में नाव से डैम भ्रमण कर आनंद प्राप्त किया।
कहते है मंदिर के पुजारी
देवदत्त पांडे कहते हैं कि यहां रामायण काल में राजा दशरथ जी अपने तीन रानियों को पुत्र प्राप्ति के लिए इसी पर्वत पर महर्षि श्रृंगी ऋषि से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे और तब श्रृंगी ऋषि महाराज ने प्रसादी में खीर दिए थे।जिसे तीनों रानियों को खिलाने पर पुत्र प्राप्ति की बात कहा था। मान्यता है कि तब से हीं यहां दूरदराज के लोग संतान की चाहत को लेकर मन्नत मांगने आते हैं मन्नत पूरा हो जाने के बाद में श्रृंगी ऋषि प्राणी की चढ़ाई कर मुंडन संस्कार कराने के बाद दही चुरा एवं जलेबी जलेबी सब्जी का भोजन करते हैं एवं ब्राह्मणों का भोज आयोजित करते हैं बसंत पंचमी के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ को लेकर चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था कराई जाती है। श्रृंगी ऋषि मेला का अध्यक्ष अजीत कुमार मुन्ना सिंह उपाध्यक्ष पवन सिंह ने बताया कि यहां पर सांसद गिरिराज सिंह के द्वारा मंदिर निर्माण के लिए योजना भी दी थी, उसे बनाया गया है।अगर उसी प्रकार सरकार की नजर रही तो यह जल्द ही तीर्थ पर्यटक स्थल बन जाएगी।
पूर्व में भी पर्यटक स्थल बनाने के लिए कर प्रशासनिक अवसर पर सरकार को लिखा गया है बावजूद अब तक पर्यटक स्थल नहीं बनाया जा सका है। जिससे लोगों में नाराजगी है। अगर पर्यटक स्थल यहां बना दी जाए तो आसपास के लोगों को रोजगार के साथ अन्य सुविधाएं भी विकसित हो जाएंग मालूम हो कि सटे झारखंड राज्य कोडरमा जिले में ऐसा ही दृश्य धजाधारी पहाड़ी का है।वहाँ भी प्रतिदिन पूजा अर्चना हिता है। शिव रात्रि को भव्य मेला आयोजित किया जाता है वहां की सरकार इसे पर्यटक घोषित कर दी है जिससे सालाना राजस्व सरकार को आती है और वहां के लोगों को रोजगार भी मिला है।यहाँ पूजा की भीड़ को संभालने को लेकर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी अपने दल बल के साथ मेले में मौजूद रहे।