सफाई पर चार करोड़ खर्च फिर भी बजबजा रहे नाले
गया । नगर निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष सफाई के नाम पर चार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी शहर के नाले
गया । नगर निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष सफाई के नाम पर चार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी शहर के नाले बजबजा रहे हैं। शहर में जगह-जगह नाले ओवरफ्लो होने से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी स्थिति में जस की तस है। सबसे अधिक खर्च शहर के मध्य भाग में स्थित बॉटम नाले की सफाई पर खर्च की जाती है। बावजूद इसके वार्ड 19, 21, 22 एवं 23 में जलजमाव के कारण करीब 20 हजार आबादी परेशान है।
बॉटम नाले की सफाई पर हर साल दस लाख रुपये खर्च हो रही है। उसके बावजूद दुर्गाबाड़ी, इनायत कॉलोनी, बारी रोड, कठोतर तालाब एवं डॉ. वजीर अली रोड में हमेशा जलजमाव रहता है। इसके कारण उक्त मोहल्लों का पानी प्रदूषित हो गया है। मोहल्ले के निवासी बजुल अख्तर, पिंटू सिंह, मो. शिबू, अजीम खां व अन्य ने कहा कि नाले की पूर्णरूप से सफाई वर्षो से नहीं हुई है। ऐसे में जलजमाव से परेशानी होती है।
शहर में बड़े नाले की सफाई को लेकर नगर निगम ने डिसेटिंग मशीन की खरीदारी करीब 1.98 करोड़ रुपये में की थी। फिर भी मशीन से बॉटम नाले की सफाई नहीं की गई। मशीन से सफाई की गई होती तो आज तस्वीर कुछ और होती।
वार्ड पार्षद नैयर अहमद कहते हैं, बॉटम नाले की सफाई को लेकर कई बार बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा गया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नहीं हुआ।
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बंद रखने पड़ते हैं
खिड़की-दरवाजे
वार्ड संख्या एक में जलजमाव से करीब पांच हजार आबादी को परेशानी हो रही है। तीन वर्षो से जलजमाव के कारण बो¨रग से निकलने वाला पानी प्रदूषित हो गया है, जिसके कारण पानी बदबूदार निकल रहा है। जलजमाव से गौतम बुद्ध कॉलोनी, राजा कोठी, रोड़ संख्या तीन एवं खरखुरा मेन रोड प्रभावित है। जलजमाव का मुख्य कारण पानी निकासी वाले रास्ते पर नगर निगम द्वारा सड़क बना देना है। वार्ड तीन के गंदे नाले को भी यहीं गिराया जा रहा है। ऐसे में स्थिति और भयावह हो जाती है। जलजमाव से बदबू निकलने के कारण 24 घंटे खिड़की-दरवाजे बंद रखने पड़ते हैं। इसके अलावा पेयजल की किल्लत बनी हुई है।
वार्ड पार्षद स्वर्णलता वर्मा कहती हैं, जलजमाव की समस्या को दूर करने लिए कई बार नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव रखा गया है। इसके बावजूद भी समस्या दूर नहीं हुई।
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मुख्यमंत्री के आश्वासन
के बाद नहीं बना नाला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आश्वासन के बाद भी मनसरवा नाले का पक्कीकारण नहीं किया गया। इसके कारण वार्ड संख्या 46 के कई मोहल्ले में जलजलाव है। नाले के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री ने 2016 में ही जिला प्रशासन और नगर निगम को निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश दो वर्ष गुजर जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके कारण पंतनगर, मकसुदन कॉलोनी, मयूर विहार, अशोक विहार सहित कई मोहल्ले में जलजमाव है। बरसात में स्थित और भयावह हो जाती है। नाला जाम रहने कारण वर्ष 2016 में मोहल्ले में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी।
वार्ड पार्षद प्रीति सिंह कहते हैं, नाले की सफाई पूरी तरह से नहीं होने कारण जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। जब तक नाले को अतिक्रमण मुक्त नहीं किया जाता स्थिति में सुधार संभव नहीं है।
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बॉटम नाले की सफाई को लेकर निविदा निकाली गई है। जल्द ही नाले की सफाई की जाएगी। वहीं, वार्ड एक में जलजमाव के लिए निकासी एवं मनसरवा नाले के पक्कीकरण को लेकर प्राक्कलन बनाया जा रहा है। उसके बाद निविदा निकाली जाएगी।
दिनकर प्रसाद, सफाई प्रभारी