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उत्तरी कोयल से जगी आस, गया व औरंगाबाद की 21 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित

-दोनों जिलों के 195 गांवों के किसान होंगे लाभान्वित -बिहार-झारखंड में 109 किमी लंबी है उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना - सहयोगी नहरों के लिए 1400 में से 1100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण -सर्वे का कार्य पूरा निविदा निकालने की प्रक्रिया भी शुरू ------

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 02:37 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 06:12 AM (IST)
उत्तरी कोयल से जगी आस, गया व औरंगाबाद की 21 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित
उत्तरी कोयल से जगी आस, गया व औरंगाबाद की 21 हजार हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित

नीरज कुमार, गया

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गया और औरंगाबाद जिले के 195 गांवों के किसानों की बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने में उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना सार्थक साबित होगी। दोनों जिलों के 195 गांवों में 21 हजार हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसमें केवल गया के पांच प्रखंडों के 145 गांव हैं, जिन्हें लाभ मिलेगा। इसे लेकर बीते वर्ष 31 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में उत्तरी कोयल नहर परियोजना का शिलान्यास किया था। उसके बाद इस जलाशय के पानी को झारखंड से गया और औरंगाबाद जिले में पहुंचाने के लिए मुख्य नहर व सहयोगी नहरों को बनाने के लिए सर्वे का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है। अब इन दोनों जिलों में मुख्य नहर की मरम्मत, नया निर्माण व सहयोगी कैनाल का भी निर्माण कराने के लिए निविदा निकलने जा रही है। उम्मीद की जा रही कि इसी सत्र में निविदा निकलेगी और अगले वित्तीय वर्ष में निर्माण का कार्य शुरू होगा।

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109 किमी. लंबी होगी परियोजना

सूत्रों के अनुसार उत्तरी कोयल नहर जलाशय परियोजना की लंबाई करीब 109 किमी. है, जो बिहार और झारखंड की सीमा पर पड़ती है। बताया गया कि 31 किमी. झारखंड राज्य में पड़ता है, जबकि 31 से 68 किमी. औरंगाबाद व 68 से 109 किमी. गया में पड़ती है। इतना नहर के लिए डिजाइन व प्रारूप विभागीय स्तर पर तैयार केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसे अनुमोदित कर दिया गया है। कार्य करने के लिए केंद्र सरकार ने एजेंसी भी तय कर दी है, जो अलग-अलग पार्ट में काम करेगी।

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किन-किन प्रखंडों को जलाशय का मिलेगा लाभ

उत्तरी कोयल परियोजना से गया और औरंगाबाद जिले के किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सूत्र बताते हैं कि परियोजना की मुख्य नहर बनी है। जहां-तहां मरम्मत का कार्य होना है। इसके अलावा मुख्य से सहयोगी नहर बनाने की दिशा में भी सर्वे पूरा हो गया है। गया जिले में 1400 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना पड़ेगा। इसमें जल संसाधन विभाग ने जिला प्रशासन के सहयोग से 1100 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है। लेकिन 300 एकड़ भूमि का मामला भू-अर्जन विभाग में फंसा है। बताया गया कि गया जिले के गुरारु, गुरुआ, परैया, कोंच और औरंगाबाद के रफीगंज के किसानों को लाभ मिलेगी। इन क्षेत्रों में 2100 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। गया में 21 किमी. नहरों का होगा निर्माण

बताया गया कि उत्तरी कोयल परियोजना में गया में मुख्य नहर से सहयोगी नहरों का निर्माण होना है। यहां 21 किमी. नई नहर बनेगी। निर्माण के बाद उसके जरिये खरीफ और रबी फसल में किसानों को अपने बंजर भूमि को सिंचित करने के लिए पर्याप्त पानी मिल सकता है।

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बोले पदाधिकारी

उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना से आने वाले वर्षो में गया व औरंगाबाद के किसानों को पानी मिलेगा। सर्वे पूरा कर लिया गया है। निविदा की प्रक्रिया चल रही है। जल्द निर्माण और मरम्मत का कार्य प्रारंभ होगा। इसका सीधा लाभ दोनों जिलों के पांच प्रखंडों के किसानों को मिलेगा।

-जय किशोर राय, कार्यपालक अभियंता, उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना, गया।


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