पराली जलाने वाले 19 किसानों को अनुदान से किया गया वंचित
खेत में पराली नहीं जलानी है। इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट होते हैं। उपज क्षमता प्रभावित हो सकती है। वातावरण भी दूषित होता है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने पराली जलाने पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है।
गया । खेत में पराली नहीं जलानी है। इससे मिट्टी के सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट होते हैं। उपज क्षमता प्रभावित हो सकती है। वातावरण भी दूषित होता है। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने पराली जलाने पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। इस आदेश का अनुपालन कृषि विभाग के स्तर से किया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने जिले भर के 19 किसानों को चिह्नित कर उन पर कार्रवाई की है। जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि तीन साल के लिए इन किसानों को अनुदानित योजनाओं से वंचित किया गया है। जिन भी किसानों पर कार्रवाई की गई है वे तीन साल तक कृषि विभाग के किसी भी अनुदानित योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। जानकारी के मुताबिक मानपुर प्रखंड के भोरे पंचायत के बदहपुर के 10 किसान, सनौत पंचायत के बरेब गांव में 6 किसान, परैया प्रखंड के अजमतगंज के एक किसान व बोधगया झिकटिया के 2 किसान पर कार्रवाई की गई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने साफ किया कि किसान भाई किसी भी सूरत में पराली या अन्य फसल अवशेष को खेत में नहीं जलाएंगे। इसके बदले फसल अवशेष प्रबंधन को वे खेती में अपनाएं। कई तरह के उपकरण हैं जिनसे इनका प्रबंधन किया जा सकता है। सरकार इन उपकरणों पर अनुदान भी दे रही है।