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30 हजार श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान

जागरण संवाददाता, गया : पितृपक्ष मेले के दूसरे दिन मंगलवार को पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए प्रेतश

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:16 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 07:16 PM (IST)
30 हजार श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान
30 हजार श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान

जागरण संवाददाता, गया : पितृपक्ष मेले के दूसरे दिन मंगलवार को पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए प्रेतशिला, रामशिला, रामकुंछ, ब्रह्माकुंड और काकबलि पर तर्पण और पिंडदान किया गया। करीब 30 हजार श्रद्धालुओं ने इन जगहों पर पिंडदान किया।

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प्रेतशिला पहाड़ स्थित पिंडवेदी पर सबसे ज्यादा भीड़ रही। गयाजी से 10 किलोमीटर दूर प्रेतशिला पर्वत स्थित है। हजारों श्रद्धालुओं ने 676 सीढि़यां पार कर पर्वत पर पहुंच कर्मकांड किया। जो पिंडदानी चढ़ने में समर्थ नहीं थे, उनके लिए वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर पालकी उपलब्ध थे। पिंडदानियों ने 500 से 1000 रुपये पारिश्रमिक देकर पालकी पर सवार होकर पर्वत के शिखर पर पहुंच और कर्मकांड किया। पिंडदानियों ने पहाड़ पर स्थित विष्णु चरण पर पिंडदान अर्पित करने के बाद सत्तू उड़ाकर पूर्वजों को मोक्ष की कामना की। साथ ही रामकुंड, रामशिला, काकबलि वेदी में भी हजारों पिंडदानियों ने अपने पूवर्जो का पिंडदान किया। प्रेतशिला पिंडवेदी पर विशाखापत्तनम से आए महेश पारासर पिंडदानी अपने पितरों के मुक्ति दिलाने के लिए कर्मकांड किया।

कर्मकांड आचार्य भरत कुमार गौतम के द्वारा मंत्रोउच्चारण के साथ कर्मकांड कराया। वहीं, हरियाणा से आए हुकुमचंद अग्रवाल ने अपने पितरों की मुक्ति के लिए ब्रह्माकुंड पिंडवेदी पर कर्मकांड किया। इधर, दिल्ली से संजय शक्सेना ने भी रामकुंड में कर्मकांड किया। इन पिंडदानियों ने पहाड़ की तलहट्टी में स्थित ब्रह्माकुंड में तर्पण किया। त्रिपाक्षिक गया श्राद्ध करने वाले की एक, तीन और सात दिनी पिंडदान करने वाले पिंडदानियों की भीड़ ज्यादा रही।


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