8 रुपये किलो बेच दिया बच्चों का भविष्य
नीरज कुमार, गया शहर के राजकीय कन्या +2 विद्यालय से गायब कॉपी से परीक्षार्थी का भविष्य जुड़ा है।
नीरज कुमार, गया
शहर के राजकीय कन्या +2 विद्यालय से गायब कॉपी से परीक्षार्थी का भविष्य जुड़ा है। उस कॉपी में बच्चों का भविष्य निहित है, लेकिन, चोर को इसका मूल्य पता नहीं था। नशे की लत की पूर्ति के लिए चोर ने बच्चों के भविष्य को महज आठ रुपये में बेच डाला।
विद्यालय के पीछे रमना स्थित अनुसूचित जाति मोहल्ला से पकड़ाया छोटू ने कहा कि विद्यालय से रद्दी कागज समझकर कॉपी गायब किए थे। पिछले 15 दिनों में सैकड़ों बोरी कॉपी गायब किए हैं। उस कॉपी को टिल्हा धर्मशाला स्थित फूच्चू कबाड़ी वाले के पास 8 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच दिए। बेचने से जो पैसे मिले नशीले पदार्थ खरीद लिए। इस बात को कबाड़ी वाले ने भी स्वीकार किया है।
फूच्चू कबाड़ी वाले ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि जो रद्दी समझकर कॉपी खरीद रहे हैं, वह बच्चों का भविष्य है। अंजाने में कॉपी खरीदे हैं।
अब गायब हुई कॉपी की जांच शिक्षा विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति व थाना की पुलिस कर रही है। अब इस तरह की लापरवाही में दोषी तय करने की सिलसिला शुरू होगा।
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विद्यालय की खिड़की तोड़कर
वारदात को दिया अंजाम
रमना स्थित राजकीय कन्या +2 विद्यालय परिसर में पुराना भवन में जांच करने के बाद वार्षिक माध्यमिक परीक्षा-17 व 2018 कॉपी अलग-अलग कमरे में रखा गया था। जिस कमरे में कॉपी रखी गई थी, उसके पीछे की खिड़की तोड़कर चोर प्रतिदिन कॉपी गायब कर रहा था। जिधर खिड़की थी, वहां पेड़ के कारण झाड़ी बनी हुई थी। इस कारण लगातार कॉपी गायब हो रही थी। 18 में जांच गई कॉपी सुरक्षित है।
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विद्यालय परिसर में ही
रहते उपप्राचार्य व कर्मी
चोर की मानें तो दिन के उजाले में कॉपी चोरी की गई थी। विद्यालय परिसर में उपप्राचार्या व कर्मी का सरकारी आवास है। फिर भी विद्यालय से कॉपी गायब हो रही थी, किसी ने नहीं देखा। यह तो व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
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सुरक्षा पर सवाल
जिले के प्रतिष्ठित विद्यालयों में राजकीय कन्या उवि का नाम आता है। इसके बावजूद यहां की सुरक्षा भगवान भरोसे है। विद्यालय की प्राचार्य बताती हैं, यहां रात्रि प्रहरी का निधन कुछ महीने पहले हो गई थी। उसके बाद से कोई नहीं है। इसके लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने कहा कि अगर विद्यालय में रात्रि प्रहरी नहीं है तो मौजूद चतुर्थवर्गीय कर्मी को रोस्टर पर ड्यूटी लगाने का निर्देश दिया गया था।
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कॉपी की अहमियत पर सवाल
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने राजकीय कन्या +2 विद्यालय में मूल्यांकन केंद्र बनाया था। जहां सूबे के कई जिले की मैट्रिक परीक्षा की कॉपी रखी गई थी। मूल्यांकन केंद्र के निदेशक सह विद्यालय के प्राचार्या पूनम कुमारी को बनाया गया था। कॉपी को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी निदेशक की होती है। कॉपी जांचने के बाद उन्हें सुरक्षित नहीं रखा गया। विद्यालय की जिस भवन में बच्चों का भविष्य यानि कॉपी रखी गई थी, वहां न तो सुरक्षा थी, और न ही वह कमरे में मजबूत ताला लगा था, सील भी नहीं था। विद्यालय और बोर्ड ने इसकी अहमियत नहीं समझी।
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तीन बार बोर्ड को लिखा
पत्र पर संज्ञान नहीं
विद्यालय की प्राचार्या पूनम कुमारी ने बताया कि मैट्रिक परीक्षा की कॉपी जांच करने के बाद वापस ले जाने के लिए तीन बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को लिखा गया, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। यहां करीब 1.65 लाख कॉपी थीं, 13 सितंबर को जब कमरा खोला गया तो बोर्ड का 80 बोरा खाली मिला है। इससे लगता है कि चोर ने कॉपी को दूसरे बोरे में लेकर भागा है। यहां संरक्षित और सुरक्षा देना संभव नहीं है।
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दोषी पर होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा पदाधिकारी मो. मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि विद्यालय से कॉपी गायब होने की जानकारी मिली है। एफआइआर दर्ज है। फिर भी विभागीय अधिकारी को स्थलीय जांच करने का निर्देश दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने पर दोषी पर कार्रवाई होगी। रिपोर्ट को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को भेजा गया है।