अल्ट्रासाउंड लाइसेंस मामले की हुई जांच, मांगी गई गाइडलाइन
मोतिहारी । जिले में रेवड़ी की तरह बांटे गए अल्ट्रासाउंड लाइसेंस मामले की जांच शुरू हो गई है।
मोतिहारी । जिले में रेवड़ी की तरह बांटे गए अल्ट्रासाउंड लाइसेंस मामले की जांच शुरू हो गई है। मंगलवार को डीएम द्वारा गठित जांच कमेटी ने एक बैठक कर स्वास्थ्य विभाग के संचिकाओं का गहन अवलोकन किया। बैठक में एसीएमओ डॉ एसके झा सहित टीम में शामिल अन्य पदाधिकारी शामिल थे। जानकारी के अनुसार जांच टीम ने स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस से जुड़ी दूसरी और संचिकाओं को भी तलब किया है। बता दे कि विभाग द्वारा तमाम मानको को ताक पर रखकर लगातार लाइसेंस जारी किया जाता रहा है। हद तो यह है कि विभागीय पत्र की भी लगातार अवहेलना की जाती रही। सूत्र बताते हैं कि जिले में अल्ट्रासाउंड लाइसेंस के खेल में विभागीय कर्मियों व बिचौलियों की सांठ गांठ खूब चलती रही है। बिचौलिए के मेल में आकर तमाम कायदा कानूनों को ताक पर रखकर लाइसेंस निर्गत किए जाते रहे हैं। इधर मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने पिछले दिनों एक जांच टीम का गठन कर दिया था। टीम में स्वास्थ्य विभाग से एसीएमओ डॉ. झा के अलावा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह जिला नजारत उप समाहर्ता राजकिशोर लाल, वरीय समाहर्ता पूजा कुमारी व दीपशिखा शामिल हैं। जहां जांच कमेटी ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है। बताते हैं कि अगर मामले की गहराई से जांच की गई तो इस खेल में शामिल रहे कई लोगो का चेहरा बेनकाब होने का अंदेशा है। यह भी सामने आ सकेगा कि आखिर किन परिस्थितियों में विभागीय पत्र को दबा दिया गया। क्योंकर लाइसेंस पर हस्ताक्षर करने वाले पदाधिकारियों ने भी इस पर पड़ताल करने की जहमत नही उठाई। वर्जन :
मामले की जांच जारी है। विभाग से इससे जुड़ी संचिकाओं को तलब किया गया है। अल्ट्रासाउंड लाइसेंस देने संबंधित गाइडलाइन का भी अवलोकन किया जाना है। इसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।
- राजकिशोर लाल, लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह जिला नजारत उप समाहर्ता