शराबबंदी मामले में सजा दिलाने में पूर्वी चंपारण सूबे में अव्वल
शराबबंदी कानून उल्लंघन मामले में सजा दिलाने में पूर्वी चंपारण बिहार में सबसे आगे है। दिसंबर तक जिले में कुल 129 कांडों के अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। बता दें कि एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। उसके बाद अब तक 19 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। सजा दिलाने के मामले में बिहार में पूर्वी चंपारण जिला को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।

मोतिहारी । शराबबंदी कानून उल्लंघन मामले में सजा दिलाने में पूर्वी चंपारण बिहार में सबसे आगे है। दिसंबर तक जिले में कुल 129 कांडों के अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। बता दें कि एक अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। उसके बाद अब तक 19 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। सजा दिलाने के मामले में बिहार में पूर्वी चंपारण जिला को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। वहीं जिले के आधा दर्जन थाना की पुलिस द्वारा सबसे ज्यादा शराब की जब्ती की गई है। जिन थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक शराब की जब्ती हुई है उनमें ड़मरियाघाट, कुंडवाचैनपुर, सुगौली व मेहसी शामिल हैं।
मामले में एक आरोपी को सबसे ज्यादा दस वर्ष की सजा व एक लाख का जुर्माना भी किया गया है। वहीं 15 मामले के आरोपी को 5-5 वर्ष की सजा व एक-एक लाख का जुर्माना किया गया है। जिला में सबसे अधिक ट्रायल पूरा किया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण ट्रायल में थोड़ी कमी जरूर आई है। जिला पुलिस व उत्पाद विभाग के द्वारा कांड दर्ज कर ट्रायल कराया जा रहा है। शराब जब्त करने के साथ उसे नष्ट भी किया जा रहा है। शराबबंदी कानून के तहत छह मामले में अभियुक्तों की रिहाई भी हुई है। उत्पाद विभाग के विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार ने बताया कि सजा दिलाने की लगातार कवायद की जा रही है। जिस कारण पूरे बिहार में पूर्वी चंपारण को अव्वल स्थान प्राप्त हुआ है। पुलिस प्रशासन द्वारा शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तारी व सजा दिलाने की कार्रवाई की जा रही है।
Edited By Jagran