छह सदस्यीय बेसहारा परिवार को समाजसेवी सर्वेश ने दिया सहारा
मोतिहारी। एक ओर कोरोना महामारी के कारण जहां लोग खुद की जान बचाने और घर की रकम
मोतिहारी। एक ओर कोरोना महामारी के कारण जहां लोग खुद की जान बचाने और घर की रकम को संभालकर रखने की जद्दोजहद में हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो खुद की परवाह किए बिना इन लोगों की मदद को हर समय हाथ आगे किए हुए हैं। इनमें से ही एक है समाजसेवी सर्वेश तिवारी। कोरोना से इतर विपदा की घड़ी में सर्वेश ऐसे पीड़ित मानवता की सेवा में एक देवदूत साबित हो रहे हैं। समाजसेवी सर्वेश तिवारी ने करंट लगने से जान गंवाने वाले विशुनपुर मटियरवा के मुसहरी टोला निवासी रामप्रीत मांझी के छह सदस्यीय परिवार को गोद लेकर एक बार फिर मानवता की मिशाल पेश की है। समाजसेवी सर्वेश तिवारी ने दिवंगत की पत्नी और पांच बच्चों के भरण-पोषण का जिम्मा उठाया है और अगले पांच वर्षों तक परिवार को 1.25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की शुरुआत की है। मालूम हो कि, मुसहरी टोला निवासी दिवंगत रामप्रीत मांझी अपने परिवार का एकलौता कमाने वाला था। दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। घर में ही मोबाइल चार्ज रते समय करंट लगने से उसकी मृत्यु हो गई वहीं, उसे बचाने के क्रम में पत्नी का हाथ भी बुरी तरह से झुलस गया है। इस घटना से पूरे परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट गया। पांच बच्चों समेत छह सदस्यीय परिवार का भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं था। पता चलने पर समाजसेवी सर्वेश तिवारी दिवंगत के घर गए और उसके परिवार को गोद लेकर तत्काल आर्थिक मदद और आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। साथ ही अगले 5 वर्षों और जरूरत पड़ने पर उससे आगे भी मदद का भरोसा दिया। इस पहल से समाज को संदेश दिया कि यह समय खुद को बीमारी से बचाए रखने के साथ-साथ अपने अंदर छिपे मसीहा को जगाने का भी है। मदद मिलने पर दिवंगत की पत्नी ने कहा कि, “सर्वेश बाबू हमरा ला भगवान बनकर आइल बानी। हमार लइका सब के आसरा मिल गईल। हम इ एहसान कबो ना भुलाएम।'' वहीं, वर्षों से समाजसेवा को अपना मिशन बनाने वाले सर्वेश तिवारी ने कहा कि, ''यह समय मानवता के लिए चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में सक्षम लोगों का कर्तव्य बनता है कि वो बेघर के सिर की छत और बेसहारा का सहारा बने। 1.25 लाख रुपए के आर्थिक मदद में एक तय धनराशि प्रत्येक माह की 27 तारीख को दिवंगत की पत्नी के बैंक अकाउंट में भेजे जाएंगे। पांच वर्षों के बाद भी अगर परिवार को मदद देने की जरूरत लगेगी तो मासिक आर्थिक मदद को आगे कई वर्षों तक बढ़ाया जाएगा।