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उदयीमान सूर्य को अ‌र्ध्य के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का हुआ समापन

मोतिहारी । भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में लोक आस्था का महापर्व छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 11:39 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 11:39 PM (IST)
उदयीमान सूर्य को अ‌र्ध्य के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का हुआ समापन
उदयीमान सूर्य को अ‌र्ध्य के साथ चार दिवसीय छठ पर्व का हुआ समापन

मोतिहारी । भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में लोक आस्था का महापर्व छठ गुरुवार को उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ समापन हो गया। उदीयमान सूर्य अ‌र्ध्य देने के दौरान श्रद्धालुओं से गुलजार रहा छठ घाट।देश-विदेश से आए लोगों ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच छठ महापर्व पर आस्था का अ‌र्घ्य दिया। शहर के तुमड़िया टोला, भकुआब्रह्म स्थान, आश्रम रोड छठिया घाट, कोइरिया टोला त्रिलोकी नाथ मंदिर, बाबा मठिया नागारोड सहित विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी रही। दंडवत प्रणाम करते हुए कई छठ व्रती महिलाएं और पुरुष छठ घाटों पर पहुचे। बच्चों ने भी छठ घाटों पर जमकर आतिशबाजी की। पटाखे की आवा•ा और छठ गीतों के साथ पूरा छठ घाट गूंजता रहा। पूरा माहौल श्रद्धालुओं से गुल•ार और भक्तिमय रहा। इस दौरान व्रतियों ने भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देकर अपने और परिवार की मंगल कामना की। साथ ही श्रद्धालुओं ने घाटों पर स्थापित भगवान भाष्कर.की प्रतिमा का दर्शन करते हुए पूजा-अर्चना की। रक्सौल लोक आस्था का महापर्व छठ के चौथे दिन गुरुवार को सुबह 6:34 बजे छठ व्रतियों द्वारा उगते हुए सूर्य को अ‌र्ध्य अर्पित किया गया। उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन हो गया। इस दौरान घाटों पर पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतेजाम किए गए थे। सीमावर्ती अनुमंडल के रक्सौल, रामगढ़वा, आदापुर, छौड़ादानो प्रखंडों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब, नदी तट और घर के छतों पर बने छठ घाटों को इलेक्ट्रिक विधुत बल्बों से सजाया गया था। घाटों पर आस्था का जन सैलाब देखते ही बनता था। छठ महापर्व को लेकर प्रशासन सचेत रही। प्रशासनिक टीम नदी घाटों पर पूरी नजर रख रही थी। डीएसपी चंद्रप्रकाश, थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर सहित कई अधिकारी सदल अनुमंडल के रक्सौल, रामगढ़वा, आदपुर, छौड़ादानो प्रखंडों के विभिन्न छठ घाटों के अलावे सीमावर्ती संवेदनशील घाटों पर लगातार जानकारी ले रहे थे। एसएसबी के कमांडेंट प्रियब्रत शर्मा जवानों को सख्त निर्देश दिया था। जिसमें श्रद्धालुओं और व्रतियों की सुरक्षा और सुविधाओं का ख्याल रखने का आदेश दिया था। अधिक गहराई वाले इलाकों में व्रती समेत श्रद्धालुओं को किसी भी कीमत पर नहीं जाने देने का निर्देश दिया था। जबकि, डीएसपी ने सभी थानाध्यक्षों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश था।

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आस्था का रंग, उत्सव का माहौल रहा

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर

छठ घाटों पर आस्था का जन सैलाब देखनो को मिला। इस दौरान छठ की छठा का अछ्वुत नजारा दिख रहा था। रक्सौल की जीवनदायनी सरिसवा नदी का कला सडांध युक्त गंदे पानी के बीच लोगों ने पूजा-अर्चना की। नेपाल द्वारा नदी में गंदे पानी छोड़े जाने से लोगों में आक्रोश दिखा। विभिन्न तालाब और पोखर के किनारे आस्था का अ‌र्घ्य दिया। छठ महापर्व को इलाका पिछलें कई दिनों से भक्ति में लीन रहा। पर्व को लेकर गांव से लेकर शहर तक उत्साह का माहौल रहा। पूरा इलाका भक्ति के साथ उत्सव में डूब गया था।

स्थानीय विधायक ने घाटों का किया भ्रमण

स्थानीय विधायक प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि घाटों की स्थिति सामान्य रही। स्थानीय लोगों ने छठ घाट की सजावट पूजा समिति और प्रशासन के सहयोग से की थी। सुरक्षा व्यवस्था के लिए घाटों पर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावे एसएसबी के जवान भी सुरक्षा व्यवस्था में जुटे रहे।

सख्त रही सुरक्षा व्यवस्था

रक्सौल में सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच उदीयमान सूर्य को छठ व्रतियों ने भगवान भास्कर को अ‌र्ध्य दिया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेचैन रहा। संवेदनशील छठ घाटों के संबंध में डीएसपी चंद्रप्रकाश जानकारी लेते रहे। कोरोना संक्रमण को लेकर छठ पूजा समिति के लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील डीएसपी श्री प्रकाश ने की थी। आस्था के सैलाब में महिला व पुरुष डूबे रहे।

छठ पूजा में नहीं होता पंडित-पुजारी

छठ एक ऐसी पूजा है जिसमें कोई पंडित पुजारी नहीं होता। देवता प्रत्यक्ष हैं, जिसमें डूबते और उगते सूर्य को भी पूजते है। सिर्फ लोकगीत गाते है जिसमें पकवान भी घर में बनते हैं। घाट अर्थात पूजा स्थल पर कोई ऊंच-नीच नहीं होता है। पूजा का प्रसाद अमीर व गरीब सभी श्रद्धा से ग्रहण करते हैं।


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