केविवि में भय का है माहौल, खुले में हो रही पढ़ाई
जिले के लोगों के संघर्ष की बुनियाद पर स्थापित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय वर्तमान समय में बुरे दौर से गुजर रहा है।
मोतिहारी। जिले के लोगों के संघर्ष की बुनियाद पर स्थापित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय वर्तमान समय में बुरे दौर से गुजर रहा है। हाल के दिनों में घटित घटनाओं के बाद छात्रों में भय इस प्रकार है कि वे जिला स्कूल के प्लस टू भवन में नहीं पढ़कर खुले मैदान में घास पर बैठ पढ़ाई कर रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा की मांग के बाद भी सुरक्षा मुहैया नहीं कराने से छात्र-छात्राओं की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बता दें कि शुरूआती दिनों में जिस उत्साह के साथ पढ़ाई की व्यवस्था हुई, उसने दूसरे साल में ही दम तोड़ दिया। विश्वविद्यालय प्रबंधन व शिक्षकों के संघर्ष के बाद विश्वविद्यालय शैक्षणिक माहौल से भटक गया। कैंपस छोटा है, पर शैक्षणिक माहौल के लिए प्रारंभिक दौर में इसने एक उदाहरण प्रस्तुत किया था। दो वर्षों के अंदर इस प्रकार के माहौल के बाद जिलेवासियों के सपने टूटते नजर आ रहे हैं। जिले के लोगों ने विश्वविद्यालय में सुरक्षित माहौल में बच्चों का भविष्य निर्माण का सपना देखा था। बड़े उत्साह के साथ बच्चों ने यहां नामांकन भी कराया। अब उनके समक्ष पढ़ाई एक चुनौती बन गई है। हाल के दिनों में शिक्षक पर हमले के बाद छात्र पर हमला से अन्य विद्यार्थियों में भय का माहौल है। सुरक्षा को लेकर छात्रों द्वारा प्रबंधन से मांग की जाती रही है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी से कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था की मांग को लेकर पत्र भी दिया है। बावजूद इसके अब तक कैंपस की सुरक्षा का इंतजाम नहीं कराया जा सका है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा नियुक्त गार्ड सुरक्षा को लेकर सजग जरूर हैं, पर यह छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर काफी नहीं है। कैंपस के बाहर पढ़ने वाले छात्र हैं अधिक भयभीत जिला स्कूल के छात्रावास में केविवि का कैंपस छोटा होने के कारण कुछ छात्र-छात्राओं की कैंपस के बाहर जिला स्कूल के भवन में पढ़ाई होती है। हाल के दिनों में जिला स्कूल के गेट पर छात्र शक्ति बाबू पर हमला के बाद अन्य छात्रों में भय व्याप्त है। उनका कहना है कि कुलपति व विश्वविद्यालय प्रबंधन को छात्रों ने सुरक्षा को लेकर पत्र दिया था, पर इस दिशा में कार्रवाई नहीं होने से भय के वातावरण में पढ़ाई को वे मजबूर हैं। सुरक्षा को लेकर आवश्यक कदम उठाने की जरूरत विश्वविद्यालय के छात्र रोहित मिश्रा ने कहा कि छात्रों पर हमला ¨नदनीय है। छात्र कक्षा में आने से डर रहे हैं। हाल के दिनों में जिस प्रकार की घटना हुई है अगर यह क्रम आगे भी चलता रहे तो छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय आना बंद कर देंगे।
अनूप कुमार मिश्रा ने कहा कि कक्षाएं तो चल रही है, पर जिस प्रकार की घटनाएं हो रही है वह ¨चता का विषय है। कुलपति से कई बार शांति बहाल करने को लेकर बात की गई, पर सुरक्षा की व्यवस्था नहीं हुई। छात्र प्रदीप लाल ने कहा कि डर के माहौल में पढ़ाई करने को छात्र-छात्राएं विवश हैं। विश्वविद्यालय में सुरक्षित माहौल में पढ़ाई की व्यवस्था की जानी चाहिए। नीतेश कुमार ने कहा कि जिला स्कूल का प्लस टू भवन पूरी तरह असुरक्षित है। यहां सुरक्षा का इंतजाम सबसे जरूरी है। धनजीत कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन छात्रों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह है। तत्काल कैंपस में सुरक्षा की व्यवस्था जरूरी है।