संजय हत्याकांड में फंसे जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष
शहर के अवधेशपुरी कोल्हूअरवा मोहल्ला में प्रॉपर्टी डीलर संजय ¨सह हत्याकांड का पर्दाफाश होने के साथ हत्यारों की मदद करने में जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष समेत तीन सफेदपोश लोगों की भूमिका साफ हो गई है।
मोतिहारी। शहर के अवधेशपुरी कोल्हूअरवा मोहल्ला में प्रॉपर्टी डीलर संजय ¨सह हत्याकांड का पर्दाफाश होने के साथ हत्यारों की मदद करने में जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष समेत तीन सफेदपोश लोगों की भूमिका साफ हो गई है। इसी के साथ यह बात भी खुलकर सामने आ गई है कि हत्या की साजिश को अंतिम रूप बड़हरवा गांव निवासी रमाशंकर राय के घर पर दिया गया था। यहीं से हत्यारे मछली-रोटी खाकर हत्या करने के लिए निकले थे। घटना को अंजाम देने के बाद भाग निकले थे। पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले में जदयू के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला पार्षद शर्मानंद सहनी सहित तीन सफेदपोश लोगों की भूमिका सामने आई है। सभी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। एसपी ने बताया कि मामले में मुफस्सिल थाना के बड़हरवा गांव निवासी महानंद चौधरी व रामाशंकर राय को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में प्रयुक्त तमंचा और बाइक जब्त, ताबड़तोड़ छापे पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के बाद उनके पास से घटना में प्रयुक्त एक पिस्तौल, तीन कारतूस, एक यामाहा आर वन बाइक जब्त की गई है। वहीं फरार चार नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। एसपी ने संबंधित थानाध्यक्ष को 24 घंटे में सभी नामजद आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। महानंद चौधरी व रमाशंकर के खिलाफ चलेगा होगा स्पीडी ट्रायल मामले में गिरफ्तार किए गए महानंद चौधरी और रमाशंकर राय के खिलाफ पुलिस स्पीडी ट्रायल कराएगी। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार दोनों लोग मुख्य आरोपित व साजिशकर्ता हैं। दोनों के खिलाफ अविलंब जांच की प्रक्रिया पूरी कर आरोप पत्र समर्पित किया जाएगा और स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाई जाएगी। शर्मानंद व अन्य सफेदपोशों ने मिलकर पहुंचाए 2.5 लाख हत्या के बाद लगातार सात दिनों में मामले में चिह्नित सफेदपोश जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शर्मानंद सहनी समेत तीन सफेदपोश लोगों ने हत्याकांड के मुख्य आरोपित महानंद चौधरी को 2.5 लाख रुपये पहुंचाए। यह राशि शहर के कई लोगों से वसूलकर पहुंचाई गई। एसपी ने बताया कि रुपये देने व अन्य ¨बदुओं पर पुलिस शर्मानंद से पूछताछ कर चुकी है। वहीं दो अन्य सफेदपोशों की खोज चल रही है। यह है घटनाक्रम बता दें कि 20 अक्टूबर की देर शाम संजय ¨सह की हत्या अवधेशपुरी कोल्हूअरवा स्थित उनके आवास से बुलाकर गोली मार कर दी गई थी। मामले में संजय की पत्नी नीलू देवी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें बड़हरवा गांव निवासी महानंद चौधरी, नागेश्वर राय, शहर के सुंदरनगर निवासी मिठू उर्फ मीठू कुमार, रामगढ़वा गांव निवासी संजय ¨सह, अशोक ¨सह व मलकौनिया गांव निवासी अजीत कुमार को आरोपित किया है। पुलिस ने मामले में महानंद व रमाशंकर को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि सोमवार को मिठू ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। 16 मामलों में चली रही थी महानंद की खोज याद रहे कि महानंद की खोज 16 कांडों में महानंद की खोज रही थी। उसके खिलाफ जिले के नगर, छतौनी, मुफस्सिल व बंजरिया थाना में कुल 16 मामले दर्ज हैं। उनमें रंगदारी, हत्या, शस्त्र अधिनियम, दंगा जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि महानंद बिहार पुलिस का जवान था। उसे पहले ही उसके आचरण को लेकर बर्खास्त किया जा चुका है। उसके खिलाफ समय रहते सुनवाई पूरी कराई जाएगी। ताकि वह फिर से कोई अपराध न कर पाए। 84 कट्ठे जमीन को लेकर था विवाद पूछताछ के दौरान इस बात खुलासा हुआ है कि सिहुलिया गांव स्थित पेट्रोल पंप के पास शहर के एक चिकित्सक की 84 कट्ठे जमीन है। उस जमीन में से 28 कट्ठे पर महानंद बिना जमीन रजिस्ट्री कराए ईंट, बालू व पत्थर गिराने लगा। चिकित्सक की ओर से इस मामले में मुफस्सिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। महानंद के साथ गिरफ्तार रमाशंकर ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने उसे जेल भी भेजा था। जेल से छूटने के बाद महानंद ने पैसा नहीं दिया। फिर उस जमीन को लोकसा निवासी मुकेश ¨सह से ढाई लाख रुपये कट्ठा के हिसाब से बेंच दिया। जमीन पर मुकेश ने कब्जा कर लिया। जब उसे मुकेश से पैसा मांगा तो मुकेश ने नहीं दिया। इसके एवज में वास्तू बिहार के पास स्थित 14 कट्ठे जमीन पर बनी चहारदीवारी को तोड़कर महानंद ने कब्जा कर लिया। इसी को लेकर विवाद चल रहा था। इसी में संजय की हत्या हुई। संजय मुकेश के साथ काम करते थे। पुरस्कृत हुई छापेमारी टीम एसपी ने इस मामले में बेहतर काम करने के लिए हरैया थानाध्यक्ष कुमार रौशन, नगर थाना के दरोगा संदीप कश्यप व राजेश कुमार को पुरस्कृत किया है। वर्जन
फोटो : 29 एमटीएच 35
मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। अति पिछड़ा होने के कारण महानंद से मेरी बातचीत होती थी। लेकिन, घटना की जानकारी मुझे नहीं थी। मेरे पास घटना के बाद महानंद ने फोन कर मेरी स्कार्पियो मांगी थी। लेकिन, मैंने नहीं दिया था। मेरा कोई आपराधिक संबंध किसी के साथ नहीं है। शहर से रुपये वसूलने की बात गलत है। मुझे पूरी तरह से इस मामले में फंसाया गया है।
शर्मानंद सहनी
जिलाध्यक्ष
अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ, पूर्वी चंपारण