सदर अस्पताल का किया मूल्यांकन
मोतिहारी। भारत सरकार के कायाकल्प एवं लक्ष्य जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लेकर प्रमंडल स्तरीय टीम ने गुरुवार को सदर अस्पताल की व्यवस्था का मूल्यांकन किया। इस क्रम में अस्पताल के सभी हिस्सों का निरीक्षण करते हुए यह देखा गया कि यहां की व्यवस्था मानकों के अनुसार है या नहीं।
मोतिहारी। भारत सरकार के कायाकल्प एवं लक्ष्य जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लेकर प्रमंडल स्तरीय टीम ने गुरुवार को सदर अस्पताल की व्यवस्था का मूल्यांकन किया। इस क्रम में अस्पताल के सभी हिस्सों का निरीक्षण करते हुए यह देखा गया कि यहां की व्यवस्था मानकों के अनुसार है या नहीं। यह कार्य चेकलिस्ट के आधार पर किया जाता है। क्वालीफाई करने के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। बता दें कि संस्थागत व्यवस्था में उत्कृष्टता लाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम चलाया जाता है। प्रतिवर्ष चलाए जाने वाले इस कार्यक्रम में प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले दो जिला अस्पतालों का चयन अंतिम राउंड के मूल्यांकन के बाद किया जाता है। अंतिम मूल्यांकन केंद्रीय टीम करती है। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिला अस्पताल को पुरस्कार स्वरूप 50 लाख एवं द्वितीय स्थान पर रहे अस्पताल को 20 लाख रुपए की राशि दी जाती है। उल्लेखनीय है कि मोतिहारी सदर अस्पताल को दो बार कायाकल्प कार्यक्रम में प्रदेश स्तर पर अव्वल स्थान प्राप्त हो चुका है। बहरहाल, टीम ने लक्ष्य कार्यक्रम के तहत भी अस्पताल की व्यवस्था को देखा। इस कार्यक्रम के तहत प्रसव संबंधी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। कायाकल्प एवं लक्ष्य दोनों कार्यक्रमों को लेकर प्रमंडल स्तर की चार सदस्यीय टीम ने व्यवस्था को परखा। टीम के वरिष्ठ सदस्य क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि इस अस्पताल की व्यवस्था काफी हद तक ठीक है, जहां कमी है उसे ठीक कर लेने को कहा गया। श्री कुमार ने कहा कि हम मूल्यांकन रिपोर्ट स्टेट को देंगे। टीम की सदस्य डॉ. निवेदिता ने लेबर रूम में काम करने वाली ए ग्रेड नर्सों से बात कर उन्हें कई महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा उसपर अमल करने को कहा। मौके पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अमित अचल एवं सदर अस्पताल के प्रबंधक विजयचंद्र झा भी उपस्थित थे।
निशक्तता आयुक्त ने अस्पताल का किया निरीक्षण
जासं, मोतिहारी : राज्य निश्शक्तता आयुक्त शिवाजी कुमार ने गुरुवार को सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। इस क्रम में उन्होंने अस्पताल में दिव्यांगों के लिए की गई व्यवस्था को देखा। अस्पताल की व्यवस्था के प्रति उन्होंने असंतोष व्यक्त किया। रैंप को मानक के अनुसार बनाने तथा ओपीडी निबंधन काउंटर के पास चबूतरा बनाने को कहा। इस दौरान आयुक्त ने दिव्यांगों के लिए अस्पताल में की गई अन्य व्यवस्था की भी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने आइएमए हॉल में पीएचसी प्रभारी, बीएचएम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बैठक कर दिव्यांगों के लिए अस्पतालों में की जाने वाली व्यवस्था के बारे में बताया। साथ ही इस बात की भी जानकारी ली कि इस जिले के व्यवस्था की क्या स्थिति है।