पैक्स अध्यक्ष की हत्या कर भीड़ में शामिल हो तमाशा देखने लगा रूपम, चंदन व शेरा
जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मटियरिया चौक पर पैक्स अध्यक्ष सह उर्वरक व्यवसायी पवन कुमार गुप्ता की दिनदहाड़े गोली मार हत्या करने के बाद कुख्यात बदमाश रूपम सिंह उर्फ छोटन सिंह वहां से फौरन नहीं भागा। वह अपने दो अन्य साथियों चंदन व शेरा के साथ वहीं पर भीड़ में शामिल हो गया और सबकुछ देखता रहा।
मोतिहारी । जिले के हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मटियरिया चौक पर पैक्स अध्यक्ष सह उर्वरक व्यवसायी पवन कुमार गुप्ता की दिनदहाड़े गोली मार हत्या करने के बाद कुख्यात बदमाश रूपम सिंह उर्फ छोटन सिंह वहां से फौरन नहीं भागा। वह अपने दो अन्य साथियों चंदन व शेरा के साथ वहीं पर भीड़ में शामिल हो गया और सबकुछ देखता रहा। बाद में मौका पाकर वहां से भाग निकला। रूपम ने पुलिस के समक्ष बताया कि इस हत्या में उसके साथ चार बदमाश शामिल थे। एक बाइक पर भादा गांव निवासी चदंन सिंहानिया उर्फ चंदन सहनी चला रहा था, जिसपर रूपम बैठा था वहीं सरी बाइक शेरू सहनी चला रहा था, जिसपर जितेन्द्र पाल पीछे बैठा था। हत्या के बाद मौके पर ही जितेन्द्र पकड़ा गया। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ ने उसकी पिटाई शुरू कर दी। मगर रूपम, चंदन व शेरा भीड़ में शामिल हो गए और जितेंद्र को पिटते देखता रहा। फिर जब भीड़ की ओर से पथराव व फायरिग की जाने लगी तो तीनों मौका पाकर भाग निकले। इसके बाद रूपम अपने स्कूल के एक दोस्त के घर गोपालगंज चला गया। वहीं पर रहकर अपना इलाज भी कराया था। इसके बाद वह दिल्ली के मुखर्जी नगर थाना क्षेत्र के गोपालपुर मोहल्ला में रहने लगा। उसका दोस्त आईएएस की तैयार कर रहा है। उसे भी दिल्ली के क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए लाया था, जिसे बाद में उसे छोड़ा गया। रूपम ने बताया कि उसने सुरेन्द्र सिंह मुखिया के कहने पर हत्या की साजिश रची थी। हरसिद्धि थाना क्षेत्र के मटियरिया निवासी रूपम घटना के उस समय ज्यादातर रघुनाथपुर में ही रहता था। रूपम को रघुनाथपुर पुलिस ने पूछताछ के बाद जेल भेज दिया।
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दोस्त राणा के कहने पर राजाबाजार के अमर मोदी से मांगी थी रंगदारी
मोतिहारी : शहर के राजाबाजार निवासी व्यवसायी अमर मोदी से अपने दोस्त राणा के कहने पर रंगदारी मांगी थी। अगर वह गिरफ्तार नहीं होता तो वह रंगदारी वसूलता या फिर व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर फायरिग करता। रूपम सिंह सबसे पहले घोड़ासहन में हुए दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार होकर जेल गया। वहां से जमानत पर निकलने के बाद भी उसने अपराध की दुनिया नहीं छोड़ी। वह अपराध जगत में कुख्यात टुन्ना सिंह का विरोधी माना जाता है। टुन्ना सिंह फिलहाल भागलपुर सेंट्रल जेल में बंद है।