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स्कूलों में लौटने लगी रौनक, कोरोना से सुरक्षा के हो रहे प्रबंध

सालभर के बाद कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में सोमवार से एक बार फिर रौनक लौट आई। कोरोना के कारण तकरीबन एक साल तक घरों में कैद रहे बच्चे स्कूल खुलने को लेकर उत्साहित हैं तो वहीं अभिभावकों के मन में आशंका अभी भी बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 01:16 AM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 01:16 AM (IST)
स्कूलों में लौटने लगी रौनक, कोरोना से सुरक्षा के हो रहे प्रबंध
स्कूलों में लौटने लगी रौनक, कोरोना से सुरक्षा के हो रहे प्रबंध

मोतिहारी । सालभर के बाद कक्षा एक से पांच तक के स्कूलों में सोमवार से एक बार फिर रौनक लौट आई। कोरोना के कारण तकरीबन एक साल तक घरों में कैद रहे बच्चे स्कूल खुलने को लेकर उत्साहित हैं तो वहीं अभिभावकों के मन में आशंका अभी भी बनी हुई है। इधर जिला प्रशासन ने सरकारी व निजी विद्यालयों को कोरोना से बचाव के लिए जारी किए गए गाइड लाइन्स हर हाल में पालन करने को कहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो विद्यालयों द्वारा अगर थोड़ी भी लापरवाही बरती गई तो कोरोना के मामले यहां बढ़ सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकारी हो अथवा निजी सभी विद्यालयों में कोरोना से बचाव के लिए जारी किए गए नियमों का गंभीरता से पालन किया जाए। मॉडर्न पब्लिक स्कूल के उपप्राचार्य डॉ एसए हक व प्रबंधक प्रो. पंकज कुमार विद्यालय में कोरोना संबंधित सभी तरह के गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। बिना मास्क के किसी को भी विद्यालय परिसर में आने की इजाजत नहीं है।

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बरती जा रही लापरवाही, नहीं पहुंच रहे बच्चे

शहर के तकरीबन सभी विद्यालय व कोचिग संस्थान खुल चुके हैं। वर्ग 1 से 5 तक के बच्चों की भी कक्षाएं शुरू हो गई हैं। सड़कों पर अब एक बार फिर बच्चों का हुजूम नजर आने लगा है। हालांकि मास्क लगाने वाले छात्रों की तादाद काफी कम है। वही स्कूल बसों में भी शारीरिक दूरी जैसे नियमों के पालन में लापरवाही बरती जा रही है। जो सीधे सीधे खतरे को आमंत्रण देने के समान है। भले ही सरकार ने पहली से पांचवीं तक के बच्चों के स्कूल आने की अनुमति दे दी है। इसके बावजूद भी अधिकतर विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति काफी कम देखी जा रही है। चांदमारी मुहल्ला निवासी आनंद कुमार बताते हैं कि फिलहाल वे अपने बच्चों को विद्यालय नही भेजेंगे। क्योंकि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। वही एक अन्य अभिभावक रीना श्री बताती हैं कि वो अपने पांचवीं के बेटे को विद्यालय भेज तो रही है, लेकिन हमेशा डर बना रहता है। विद्यालय प्रबंधन को भी गंभीरता से कोरोना गाइडलाइन्स का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।

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विद्यालय परिसर में ताप मापी यंत्र से जांच के बाद ही किसी को भी एंट्री दी जा रही है। पूरे विद्यालय परिसर को प्रतिदिन सैनिटाइज किया जाता है। स्कूल बस में शारीरिक दूरी जैसे नियमों का पालन किया जाता है। वैसे भी छात्र कम आ रहे हैं, मगर जो आ रहे हैं उनका भरपूर ख्याल रखा जा रहा है।

इवलिन विनय

निदेशक

चेला मेरी मेमोरियल स्कूल


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