Move to Jagran APP

बारिश से पहले खुलने लगी तैयारियों की पोल

मॉनसून के प्रारंभ होने के साथ बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 06:00 PM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 06:00 PM (IST)
बारिश से पहले खुलने लगी तैयारियों की पोल
बारिश से पहले खुलने लगी तैयारियों की पोल

मोतिहारी । मॉनसून के प्रारंभ होने के साथ बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। एक दो दिनों की बारिश के बाद ही छोटी नदियों के उफनाने से बाढ़ पूर्व तैयारियों का सच भी सामने आने लगा है। बंजरिया प्रखंड के दुधौरा नदी के तटबंध के चार जगहों पर टूटने के अलावा सुगौली में तिलावे के तटबंध का टूटना यह साबित करता है कि पिछले साल की बाढ़ को देखते हुए इस साल सुरक्षात्मक कार्यों को लेकर तैयारियों को प्रमुखता से नहीं लिया गया है। प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों के दावे जरूर किए गए, पर हकीकत यह है कि हर तरफ इसके नाम पर खानापूर्ति की गई। बूढ़ी गंडक व गंडक के किनारे बसे लोग संभावित बाढ़ के खतरे से सहमे हैं। हाल यह है कि पिछले साल की बाढ़ को याद करने मात्र से लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। लोग अभी से ही सुरक्षित जगह की तलाश में जुट गए हैं। हाल के निरीक्षण के क्रम में लापरवाही आई थी सामने जिला पदाधिकारी रमण कुमार बाढ़ को लेकर खुद गंभीर हैं। सुरक्षात्मक कार्यों को लेकर संबंधित विभाग को दिशा-निर्देश दिया था। इधर खुद तटबंधों पर हुए सुरक्षात्मक कार्यों का स्थल निरीक्षण कर रहे हैं। हाल के दिनों में मधुबन व पकड़ीदयाल में तटबंधों के निरीक्षण के दौरान सुरक्षात्मक कार्यों में कई प्रकार की गड़बड़ी को लेकर संबंधित कार्यपालक अभियंता को फटकार लगाते हुए गुणवत्तापूर्ण कार्य कराने का निर्देश दिया था। तटबंध पर झाड़ी को साफ करने के साथ वैसे स्थल जहां तटबंध पर खतरा है वहां हर संभव सुरक्षात्मक कार्य का निर्देश दिया था। इसके बावजूद बंजरिया व सुगौली में तटबंध का टूटना यह साफ कर रहा है कि कार्य को कराने के प्रति विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई है। कई जगहों पर कार्य हो रहे हैं, पर गुणवत्ता का हर जगह अभाव है। बालू की जगह मिट्टी डालने की भी बात ग्रामीण बता रहे हैं। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध भी हो रहा है। 21 प्रखंड की लाखों की आबादी हुई थी बाढ़ से प्रभावित पिछले साल बाढ़ से जिले के 21 प्रखंडों में तबाही मचाई थी। इसमें सैकड़ों सड़कें ध्वस्त हुई थी। कई जगहों पर सड़क संपर्क महीनों तक बंद रहा। सड़कों को बाढ़ के बाद ठीक कराया गया, पर कई जगह कराए गए कार्य भी सवालों के घेरे में हैं। मधुबनी घाट रोड में ध्वस्त सड़क पर बने डायवर्सन बाढ़ के हल्के दबाव को भी नहीं झेलकर उसका बहना तय माना जा रहा है। इस प्रकार यहां डायवर्सन पर खर्च राशि भी पानी में बह जाने की पूरी संभावना है। यहीं हाल अन्य जगहों की भी हुई है, जहां खतरा बना हुआ है।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.