52,800 रुपये के भुगतान के एवज में 30 हजार लेने का दिया जा रहा दबाव
विधानसभा चुनाव में वाहनों के प्रयोग करने के बाद अब मनमाने तरीके से भुगतान का मामला सामने आने लगा है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन मालिकों को कम राशि लेने के लिए दबाव भी दिया जा रहा है।
मोतिहारी । विधानसभा चुनाव में वाहनों के प्रयोग करने के बाद अब मनमाने तरीके से भुगतान का मामला सामने आने लगा है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वाहन मालिकों को कम राशि लेने के लिए दबाव भी दिया जा रहा है। सरकारी स्तर पर तो वाहनों का दर निर्धारित किया गया है उसके अनुसार भुगतान के लिए आदेश भी जारी हो रहा है। यह राशि बैंक खाता में भुगतान नहीं कर नकद देकर तय राशि से कम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। इस प्रकार का मामला मधुबन में आने के बाद वाहन मालिको ने विरोध जताया है। बीडीओ से इसकी शिकायत की, पर बीडीओ उनकी बातों को नजरअंदाज कर जो भुगतान दिया जा रहा है उसे लेने को कहा। वहीं वाहन मालिकों का कहना है कि उनसे जितनी राशि पर हस्ताक्षर करने को कहा जा रहा है उससे काफी कम राशि दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय स्तर पर अधिकारियों व कर्मियों की मिलीभगत से उक्त राशि के बंदरबांट करने की कोशिश की जा रही है। एक वाहन मालिक ने इसकी शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी व जिलाधिकारी को पत्र लिखकर किया है।
शिकायत करने पर वाहन मालिकों को कार्यालय से निकाला गया बाहर थाना क्षेत्र के माडीपुर निवासी जितेंद्र कुमार निषाद, हरिनारायणपुर के मुन्ना कुमार ने कहा है कि उसका स्कार्पियो वाहन चुनाव कार्य में 33 दिन चला तो दूसरा वाहन स्कार्पियो 9 दिन चला। चुनाव आयोग द्वारा स्कार्पियो का भाडा 16 सौ रुपये प्रतिदिन तय किया गया है। इस हिसाब के अनुसार 33 दिन का भाडा 52 हजार 8 सौ रुपये व दूसरे का 9. दिन का भाडा 14 हजार 4 सौ रुपया हो रहा है। जितेंद्र कुमार निषाद जब किराया के लिए प्रखंड कार्यालय गए तो वहां तैनात कर्मियों ने बताया कि 30 हजार रुपये मिलेंगे। जितेन्द्र कम पैसा लेने से इंकार करते हुए वहां से लौट गया। सोमवार को फिर उसने बीडीओ के पास उक्त समस्या को लेकर गया जहां उसके साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते बीडीओ ने अपने कार्यालय से बाहर निकाल दिया। इस तरह का आरोप कई वाहन मालिकों ने लगाया है। बीडीओ कुमारी सविता सिन्हा ने कहा कि इस तरह का आरोप निराधार है। जितेंद्र कुमार का भुगतान तो अभी हुआ ही नहीं है। इधर वाहन मालिक ने कहा कि समस्या का निदान नहीं हुआ तो प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना देंगे। वर्जन :
जहां से वाहन को पकड़कर चुनाव कार्य में उपयोग किया गया था वहीं से भुगतान किया जाना है। लॉगबुक के आधार पर वाहनों के भाड़े का भुगतान किया जाना है। सरकारी दर पर जो राशि भाड़े के रूप में है उसे दिया जाना है। प्रयास किया जा रहा है कि प्रखंडों के भुगतान को भी जिलास्तर से कराया जाए।
अनुराग कौशल सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी
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