बाढ़ की आहट से दहशत में लोग
मानसून की धमक के साथ एक बार फिर बाढ़ की आशंका से लोग दहशत में हैं।
मोतिहारी। मानसून की धमक के साथ एक बार फिर बाढ़ की आशंका से लोग दहशत में हैं। पिछले साल आई प्रलयंकारी बाढ़ की यादें अभी लोगों के रोंगटे खड़े कर रहे हैं। जिस प्रकार की स्थिति से पिछले साल लोग गुजरे थे उस परिपेक्ष्य में बचाव को लेकर पूर्व की तैयारी कोई खास नहीं दिखी। देर से तटबंध की मरम्मति के कार्य प्रारंभ किए गए। हालांकि अभी तक विभागीय स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। कार्य को आनन-फानन में करने से निश्चित रूप से इसकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। वहीं आसपास के लोगों को यह भय सता रहा है कि कही फिर से तटबंध टूटा तो फिर पिछले साल की तरह लोगों को बाढ़ का कहर झेलना पड़ सकता है।
ढाका प्रखंड स्थित लालबकेया नदी पर बने तटबंध चार जगहों पर टूट गए थे। बताया गया कि पिछले साल की बाढ़ में गुआबारी में दो स्थानों पर, फुलवरिया में एक व सपही में एक स्थान पर तटबंध टूटा था। इससे प्रखंड के दस पंचायत के करीब डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित हुई थी। बताया गया कि तटबंध का निर्माण अगर कुछ माह पहले हुआ रहता तो इस प्रकार का भय लोगों को नहीं सताता। ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी भराई कार्य पूरा कर लिया गया है। कार्य को अंतिम रूप देने में संबंधित एजेंसी लगे हुए हैं, पर कार्य की गुणवत्ता पर भी लोगों से सवाल उठाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है।
लालबकेया नदी के तटबंध निर्माण कार्य की जांच विधान पार्षद डॉ. खालिद अनवर ने करते हुए कई प्रकार की अनियमितता पाई। कहा कि पिछले साल जिस प्रकार बाढ़ ने क्षेत्र में तबाही मचाई थी उस स्थिति में कार्य की गुणवत्ता को ठीक रहना चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारी से तटबंध की जांच कराने की मांग की है। कहा कि निर्माण कार्य में आसपास से बालूनूमा मिट्टी से भराई कार्य किया गया। तटबंध के उपरी भाग पर मिट्टी रखकर ऊंचीकरण कर खानापूर्ति की गई है। कहा कि राज्य सरकार ने 7 किलोमीटर तटबंध के निर्माण के लिए 7 करोड़ की राशि स्वीकृत किया था। संवेदक एवं विभाग के पत्र के आलोक में राज्य सरकार द्वारा 4 करोड़ अतिरिक्त राशि मुहैया कराई गई।संवेदक द्वारा मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा है। बताते चले कि स्थानीय ग्रामीण हरि प्रसाद चैधरी, शेख हासिम, शेख नाज, श्रीराम प्रसाद, राजेश चौधरी सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक द्वारा जिस प्रकार से तटबंध का निर्माण किया गया है उससे नदियों के जल स्तर बढ़ने के बाद तटबंध पर खतरा बना रहेगा।