विद्यालय में नामांकित 674 छात्र-छात्राओं के लिए महज दो कमरे
मोतिहारी। भूमि और भवन के अभाव में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की बात बेमानी लगती है।
मोतिहारी। भूमि और भवन के अभाव में बेहतर शिक्षा व्यवस्था की बात बेमानी लगती है। सरकारी शिक्षा व्यवस्था को गति देने के लिए सरकार कवायद में जुटी है, कितु संसाधनों की कमी इस उद्देश्य की पूर्ति में बहुत बड़ी बाधा है। शनिवार को दैनिक जागरण की टीम 11:30 के लगभग प्रखंड क्षेत्र के कोदरकट गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पहुंची, तो बच्चे वर्ग रूम में और कुछ बाहर धूप में बिना मास्क बैठे हुए थे। विद्यालय में 365 छात्र और 309 छात्राएं नामांकित है। जिनके पढ़ने के लिए महज 2 कमरे और एक बरामदा है और कार्यालय भी उसी में संचालित है। वहीं 674 छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए मात्र 5 शिक्षक ही नियुक्त हैं। जिसमे एक प्रधान शिक्षक वीरेंद्र शर्मा को बगल के उत्क्रमित मध्य विद्यालय धपहर में प्रतिनियुक्ति कर दिया गया है। जबकि 40 छात्र पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है, ऐसा सरकार मानती है कितु अमल में नहीं लाती है। ऐसे में सरकारी शिक्षा व्यवस्था कैसे सु²ढ़ हो पाएगी। प्रधान शिक्षक श्री शर्मा ने दूरभाष पर बताया कि शैक्षणिक प्रभार उन्होंने विद्यालय की शिक्षिका प्रियंका कुमारी को सौंप दिया है। नामांकित छात्र-छात्राओं में आधे से अधिक छात्र मौजूद थे। श्री शर्मा ने बताया कि इस विद्यालय को महज 4 धुर जमीन है, जिसमे महज 2 धुर जमीन में ही यह भवन स्थित है। कभी-कभार पंचायत भवन में भी कक्षाएं संचालित करनी पड़ती हैं। पेय जल एवं शौचालय की व्यवस्था तो थी, कितु साफ-सफाई की कमी दिखी। विद्यालय में महज 18 जोड़ी बेंच- डेस्क होने के कारण अधिकांश छात्र जमीन पर बैठ पाठ को याद करते हुए पुराने गुरुकुल परंपरा की याद दिला रहे थे। शिक्षकों की दक्षता का लाभ संसाधनों के कमी के चलते छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। फिर भी सीमित संसाधन में प्रधान शिक्षक बेहतर शिक्षा देने में लगें हैं।