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पूर्वी चंपारण में मात्र 5.5 प्रतिशत विवाहित महिलाएं करती हैं गर्भनिरोधक का इस्तेमाल

मोतिहारी । कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के साथ देश की आर्थिक एवं

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 10:54 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 10:54 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में मात्र 5.5 प्रतिशत विवाहित महिलाएं करती हैं गर्भनिरोधक का इस्तेमाल

मोतिहारी । कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के साथ देश की आर्थिक एवं सामाजिक विकास की कई योजनाओं को बाधित किया है। इनके बीच देश की बढ़ती आबादी भी एक बड़ी चुनौती है। इसके प्रति आमलोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। कोरोना के मद्देनजर इस वर्ष 'कोरोना महामारी के दौर में महिलाओं और बालिकाओं की सेहत और अधिकारों की सुरक्षा' को थीम बनाया गया है, ताकि इस महामारी के बीच परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं की अनदेखी नहीं हो सके। माना जा रहा है कि समुदाय में गर्भ निरोधक साधनों के इस्तेमाल से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से समय-समय पर गर्भ निरोधकों के इस्तेमाल के फायदों को जनमानस तक पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। विभाग के चिकित्सक और कर्मचारी अपने स्तर से समुदाय में जागरूकता फैलाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बीच प्रजनन व मातृ स्वास्थ्य का ध्यान रखने को लेकर जिले में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवारा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान चिन्हित किए गए लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। प्रजनन एवं मातृ स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले वजहों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम 'आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी' है।

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पुरुष बंध्याकरण को स्वास्थ्य विभाग योजनाओं के माध्यम से बढ़ावा दे रहा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के मुताबिक जिले में 49 वर्ष तक की विवाहित 5.5 प्रतिशत महिलाएं ही गर्भनिरोधक साधनों का इस्तेमाल करती हैं। जबकि गर्भ निरोध के आधुनिक तरीकों का इस्तेमाल 5.5 प्रतिशत महिलाओं तक ही है। जिले में महिला बंध्याकरण का प्रतिशत 3.6 है। पुरुष बंध्याकरण को स्वास्थ्य विभाग योजनाओं के माध्यम से बढ़ावा दे रहा है। कॉपर-टी का इस्तेमाल करने वाली महिलाएं 0.3 प्रतिशत हैं, जबकि गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल 0.7 प्रतिशत महिलाएं ही करती हैं। वहीं, एक प्रतिशत से भी कम पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करते हैं।

------- बास्केट ऑ़फ च्वाइस की ले सकते हैं मदद

सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि आपदा काल में भी परिवार नियोजन की चाहत रखने वाले लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। मिशन परिवार विकास के तहत परिवार नियोजन की तमाम सुविधाएं मौजूद हैं। गर्भ निरोधकों के बॉस्केट ऑ़फ च्वाइस की मदद से स्वास्थ्यकर्मी लाभार्थियों को परामर्श देते हैं। इस बॉस्केट ऑ़फ च्वाइस में इच्छुक दंपती कंडोम, छाया व माला -एन गर्भनिरोधक गोली, कॉपर टी, अंतरा इंजेक्शन आदि की जानकारी लेकर उसे अपना सकते हैं। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों पर पुरुषों व महिलाओं के लिए नसबंदी व बंध्याकरण की सेवा निश्शुल्क मुहैया कराई जाती है।

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