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अब मोतिहारी में सुलभ होगी पारा मेडिकल की पढ़ाई

शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहे मोतिहारी में अब पारा मेडिकल की भी पढ़ाई आसान होगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 11:59 PM (IST)Updated: Mon, 06 May 2019 06:38 AM (IST)
अब मोतिहारी में सुलभ होगी पारा मेडिकल की पढ़ाई
अब मोतिहारी में सुलभ होगी पारा मेडिकल की पढ़ाई

मोतिहारी। शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहे मोतिहारी में अब पारा मेडिकल की भी पढ़ाई आसान होगी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद यहां के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ाया गया यह एक मजबूत कदम है। मेडिकल के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह संस्थान आदर्श केंद्र के रूप में स्थापित होगा। सदर अस्पताल परिसर में भवन निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। संभव है कि वर्ष 2020 से पारा मेडिकल कॉलेज अस्तित्व में आ जाएगा। इस संस्थान में थ्री ईयर जेनरल नर्सिंग एंड मिडवाफरी (जीएनएम) कोर्स के साथ पारा मेडिकल के विभिन्न पाठ्यक्रमों की शिक्षा दी जाएगी। जीएनएम के लिए पीसीबी जरूरी जीएनएम कोर्स में नामांकन के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से प्लस टू उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। प्लस टू में फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बॉयोलॉजी (पीसीबी) की अनिवार्यता होगी। तीन साल के इस कोर्स की पढ़ाई पूरी करने बाद छह माह का इंटर्नशिप विद्यार्थियों को करना होता है। अर्थात कुल साढ़े तीन साल में जीएनएम की पढ़ाई पूरी हो जाएगी। इनके अलावा पारा मेडिकल से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई भी यहां होगी। मोतिहारी में पारा मेडिकल के पाठ्यक्रमों की शिक्षा व्यवस्था की लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। संस्थान के लिए भवन निर्माण का काम शुरू होने के साथ लोगों में हर्ष है। भवन निर्माण का काम प्रगति पर बिहार मेडिकल इंफ्रा स्ट्रक्चर लिमिटेड द्वारा चयनित एजेंसी के माध्यम से पारा मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। करीब 25 करोड़ की लागत से तीन हिस्सों में भवन बनाए जा रहे हैं। इनमें मुख्य भवन के अलावा दो हॉस्टल भी बनाए जा रहे हैं। मुख्य भवन में प्रशासनिक विग के साथ अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण क्लास रूप होंगे। प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय भी मुख्य भवन में ही होगा। वहीं, छात्र-छात्राओं के लिए दो अलग-अलग हॉस्टल भी बनाए जा रहे हैं। भवन निर्माण के लिए 18 महीने का समय निर्धारित है। पूर्व से संचालित हो रहा एएनएम स्कूल सदर अस्पताल परिसर में पूर्व से एक एएनएम स्कूल भी है। प्रति वर्ष 80 छात्राओं का नामांकन इस स्कूल में होता है। मगर अब सरकारी स्तर पर सभी अनुमंडल मुख्यालयों में एएनएम स्कूल का संचालन शुरू किया जा रहा है। संबंधित भवन निर्माण का काम भी करीब-करीब पूरा हो गया है। सदर अस्पताल परिसर स्थित निर्माणाधीन भवन में जीएनएम सहित अन्य पारा मेडिकल पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी। जबकि, एएनएम की पढ़ाई अनुमंडल मुख्यालयों में होगी।

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