स्वास्थ्य केन्द्र व एक बड़े पुल की है दरकार
बंजरिया। प्रखंड के 13 पंचायतों में एक अहम पंचायत है सिसवा पूर्वी। यह प्रखंड का एक मात्र पंचायत है जिसे आदर्श पंचायत होने का दर्जा प्राप्त है ।
बंजरिया। प्रखंड के 13 पंचायतों में एक अहम पंचायत है सिसवा पूर्वी। यह प्रखंड का एक मात्र पंचायत है जिसे आदर्श पंचायत होने का दर्जा प्राप्त है । आखिर हो भी क्यों नहीं मुखिया जो इतनी कर्मठ हैं । सरकार की सात निश्चय योजना का पूरी तरह यहां कार्यान्वयन होता है । साफ-सफाई के मामले में कुछ सीखना है तो लोग इनसे सीखे । प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान का शत -प्रतिशत पालन होता है यहां । प्रत्येक पंचायत वासियों को सूखा व गीला कचरा उठाने के लिए हरा व नीला रंग के दो- दो डस्टबिन दिए गए हैं । इतना ही नहीं कूड़ा-कचरा को संग्रह करने के लिए दो-दो कचरा वैन रखे गए हैं । समय के परिवर्तन के साथ-साथ इस पंचायत में भी विकास की बयार बही और देखते-देखते गांव की अधिकांश सड़कें पीसीसी की हो गई । मुखिया तान्या परवीन व उनके पति फैजुल रहमान उर्फ मुन्ना के अथक प्रयास से लगभग 6000 फीट पीसीसी सड़क का निर्माण संभव हुआ है । अब कुछ ही सड़कें ऐसी है जहां ईंट की सोलिग है। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत 16 वार्डों में से 13 वार्डों में काम पूरा हो गया है। कुछ ही वार्डों में काम बाकी है । फंड की कमी के बावजूद भी मुखिया हिम्मत नहीं हारी हैं ।अपनी ओर से भी वे जनता को हर सुख -सुविधा देने को तैयार रहती हैं । बता दें कि इस पंचायत में सातों दिन पंचायत के अधिकारी पंचायत कार्यालय पर उपस्थित होकर कार्य करते हैं। जात-पात का कोई भेदभाव इनकी नजरों में नहीं है । पंचायत में एक स्वास्थ्य केन्द्र व एक बड़े पुल की दरकार है। यह वह पुल है जो गोखुला कब्रिस्तान के पास है। यह दो पंचायतों सिसवा पूर्वी व सिसवा पश्चिमी को जोड़ती है। पंचायतवासी साबीर हुसैन, मो. रूस्तम, शेख नाथू, मेगाबाइट, राजेन्द्र पासवान, विनोद पासवान, संगीता देवी, रंभा देवी, फैयाज अहमद, रयसुल अहमद, शेख साबीर, अख्तर आलम, मो. इसतियाख, मो. जुनैद, भूषण बैठा, सबीला खातून, पानपती देवी, सुनिता देवी, हसीबुल नेशा, इशरत जहां, जमील अहमद, मो. जुबैर, मो. आशिक , मो. अरबाज आदि का कहना है कि पहले बरसात के दिनों में आने -जाने में बहुत कष्ट होता था अब पीसीसी होने से दिक्कत नहीं होती है। एक स्वास्थ्य केन्द्र हो जाता तो बाढ़ के दिनों में लोगों को दूर नहीं जाना पड़ता । विरासत में मिली है मुखियागिरी मुखिया के ससुर इजहार हुसैन 18 वर्षों ( 1988 से 2006 ) तक सिसवा पंचायत के मुखिया थे । बता दें कि उस समय सिसवा पूर्वी व सिसवा पश्चिमी एक ही पंचायत था ।सास रेहाना खातून भी लगभग ढाई वर्षों तक प्रखंड प्रमुख रही । इनके भैसुर जफीर आजाद उर्फ चमन अभी वर्तमान में पंसस हैं। आंकड़े एक नजर में : -
जनसंख्या - 18000
पुरुष मतदाता - 6000
महिला मतदाता - 4000
प्राथमिक विद्यालय - 2
मध्य विद्यालय - 5
उच्च विद्यालय - 1 फोटो- 10एमटीएच 30
पंचायत के 16 वार्डों में से 13 में जल नल योजना का काम पूरा हो चुका है। लोगों को शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो गया है। 3 वार्डों में काम चालू है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 900 लक्ष्य में से 500 पूरा हो चुका है ,बाकी के लिए प्रयासरत हूं ।हमारा मुख्य उद्देश्य पंचायत को साफ -सुथरा पंचायत बनाना है। पंचायत में जन -जीवन हरियाली योजना के अंतर्गत 10000 पेड लगाने हैं तथा एक पोखरा व पार्क का निर्माण कराना है ताकि लोगों को सुबह-शाम ताजी हवा में सांस ले सकें । लोगों के दु:ख दर्द में शामिल होना हमारी फितरत है।
तान्या परवीन, मुखिया