महागठबंधन व वाम दलों ने निकाला संयुक्त आक्रोश मार्च
मोतिहारी। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनसरोकार के मुद्दों की अनदेखी के साथ बढ़ते अपराध भ्रटाचार के खिलाफ बुधवार को नरसिंह बाबा मंदिर परिसर से महागठबंधन व वाम दलों द्वारा संयुक्त आक्रोश मार्च निकाला गया।
मोतिहारी। केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जनसरोकार के मुद्दों की अनदेखी के साथ बढ़ते अपराध, भ्रटाचार के खिलाफ बुधवार को नरसिंह बाबा मंदिर परिसर से महागठबंधन व वाम दलों द्वारा संयुक्त आक्रोश मार्च निकाला गया। आक्रोश मार्च का नेतृत्व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जिलाध्यक्ष जयमंगल प्रसाद कुशवाहा, डॉ. दीपक कुमार, मधुरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मधु सिंह, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार शुक्ल, बिट्टू यादव, विकासशील इंसान पार्टी के प्रभारी जिलाध्यक्ष मोतीलाल सहनी, राजद के पप्पू सहनी, संजय निराला आदि कर रहे थे। नेताओं ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार राष्ट्रभक्ति के नाम पर देश में ऐसी अवधारणा बनाई है जहां सवाल पूछने वालों को देशद्रोही घोषित कर दिया जा रहा है। एक तरफ देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। बेरोजगारी चरम पर है। बैंकों की हालत दिन व दिन खराब हो रहे है। कल कारखाने बंद हो रहे है। सरकारी संस्थानों का निजी करण किया जा रहा है। इन सब से जनता का ध्यान भटकाने की प्रयास लगातार केंद्र की सरकार दूसरी बार सत्ता आने के बाद से कर रही है। वहीं बिहार में भ्रष्टाचार, अफरशाही, अपहरण, लूट, हत्या, दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही है। पहले दुकानों में मिलने वाली शराब अब घर के दरवाजे तक पहुंच रही है। वही शराब व वाहन जांच के नाम पर उगाही समय-समय पर उजागर होती रही है। कार्यक्रम में विभिन्न दलों के नेताओं ने बारी-बारी से संबोधित किया। इसके उपरांत राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। आक्रोश मार्च में ईमादखान उर्फ लालबाबू खान, मोद नारायण कुमार, अरूण कुमार यादव, अरूण प्रकाश पांडेय, अजीत कुमार, मनोज यादव, गुलाब खान, पवन कुमार, रमेश श्रीवास्तव, बाबूलाल सहनी, प्रभू नारायण, अंगेश कुमार, शिवलाल सहनी, पवन सिंह, संत सिंह कुशवाहा, सरिता कुशवाहा, डॉ. मंजय कुशवाहा, विशाल सिंह, अनिल चौधरी, संजय भारती, शिवलाल सहनी, मनोज सहनी, पवन कुमार यादव, विपिन सहनी, ओमप्रकाश पासवान, रमेश पासवान, राजनारायण प्रसाद, गणेश कुशवाहा, मो. सुफी आलम, मो. समशाद आलम, मनोज रावत, सुबोध कुशवाहा, शिव सहनी सहित महागठबंधन के सभी दलों के नेता व कार्यकर्ता शामिल थे।