वन विभाग के अधिकारी प्रभार में, दफ्तर में कर्मियों की बल्ले-बल्ले
जिले को हरा-भरा करने की जिम्मेदारी जिस विभाग के कंधे पर हो उस विभाग के कार्यालय की सुस्ती कई प्रकार के सवाल खड़ा कर रही है। कार्यालय के अंदर जिस प्रकार की कार्य संस्कृति है वह अन्य कार्यालयों से भिन्न नजर आया। यह स्थिति वन प्रमंडल कार्यालय मोतिहारी की है।
मोतिहारी । जिले को हरा-भरा करने की जिम्मेदारी जिस विभाग के कंधे पर हो उस विभाग के कार्यालय की सुस्ती कई प्रकार के सवाल खड़ा कर रही है। कार्यालय के अंदर जिस प्रकार की कार्य संस्कृति है वह अन्य कार्यालयों से भिन्न नजर आया। यह स्थिति वन प्रमंडल कार्यालय मोतिहारी की है। मंगलवार की सुबह 11 बजे कार्यालय खुला जरूर था, पर यहां के कर्मी आराम की मुद्रा में थे। कंप्यूटर ऑपरेटर समेत अन्य कर्मी कार्यालय में मौजूद थे। कार्यालय के प्रवेश द्वार पर वन प्रमंडल अधिकारी का कक्ष खुला था, पर अधिकारी नहीं मिले। कर्मियों ने बताया कि बेतिया व मोतिहारी के प्रभार में रहने के कारण वे आज नहीं हैं। सोमवार को वे कार्यालय में जरूर थे। बगल का एक और भव्य कमरा जो प्रधान सहायक का बताया गया। प्रधान सहायक शशिभूषण वर्मा भी दिन के 12 बजे तक कार्यालय में नहीं पहुंचे थे। कर्मियों ने बताया कि वे बेतिया से प्रतिदिन आते-जाते हैं। अब सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब कार्यालय के साहब व प्रधान सहायक ही कार्यालय में नहीं हो तो कार्यालय के निचले स्तर के कर्मियों की क्या स्थिति होगी। कर्मियों ने बताया कि जब से कार्यालय प्रभार में गया है कार्य करने में काफी परेशानी हो रही है। एक तरफ जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक कार्यालयों की कार्य संस्कृति को बेहतर करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। वहीं इस विभाग में प्रतिदिन इस प्रकार की लापरवाही पर वरीय अधिकारियों का ध्यान आखिर क्यों नहीं जाता। बताया गया कि इस कार्यालय में प्रधान सहायक समेत तीन लिपिक, तीन परिचारी व दो कंप्यूटर ऑपरेटर पदस्थापित हैं। वन प्रमंडल पदाधिकारी व प्रधान सहायक को छोड़ अन्य दफ्तर में थे। वहीं दूसरी तरफ वन विभाग में कार्य कराने आने वालों को भी निराश होकर लौटना पड़ रहा है। इस संबंध में वन प्रमंडल अधिकारी से लगातार बात करने की फोन से कोशिश की गई, पर उन्होंने फोन नहीं उठाया। वर्जन
जिला का यह विभाग काफी महत्वपूर्ण है। अगर इस प्रकार की स्थिति है तो इसकी जांच की जाएगी।
शीर्षत कपिल अशोक
जिलाधिकारी