चंपारण में फुटबॉल की उपलब्धियां आकाश पर, सुविधाएं नदारद
मोतिहारी । महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में फुटबॉल की उपलब्धियां आकाश पर है जबकि
मोतिहारी । महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में फुटबॉल की उपलब्धियां आकाश पर है, जबकि खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं नदारद है। यहां खिलाड़ियों के लिए स्पोर्ट्स क्लब व नेहरू स्टेडियम जैसे दो बेहतर मैदान भी उपलब्ध है। पूर्वी चंपारण में वर्षों से खेल और खिलाड़ियों की स्थिति बद से बदतर होती चली गई राजनीतिक दलों ने इतने बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाए तालियां बटोरी माला पहने वोट बैंक को बटोरने के लिए भाषण भी दिए कितु इन खिलाड़ियों के राशन के लिए कोई व्यवस्था नहीं की सरकार के स्तर से 2 वर्षों के अंदर में एक भी खिलाड़ियों की नौकरी नहीं दी गई है। कई खिलाड़ियों बद से बदतर स्थिति में जीने को मजबूर हो गए हैं। एक जमाना था जब पश्चिम चंपारण के खिलाड़ी नरसिंह यादव पूर्वी चंपारण के खिलाड़ी मोहम्मद नूर आलम एवं करीमुद्दीन खान हुआ करते थे। नरसिंह यादव कि अपनी सबसे छोटी बेटी की शादी में तो खेल में मिले हुए मेडल और शील्ड बेंच कर शादी करनी पड़ी। जबकि मोहम्मद नूर आलम आज भी राजेंद्र मार्केट में जूता और चप्पल बेंच कर किसी प्रकार अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सर्विसेस स्पोर्ट्स क्लब के द्वारा वर्ष 1999 में उन्हें 51000 का एक टूर्नामेंट खड़ा कर सम्मान स्वरूप सप्रेम भेंट दिया गया था, कितु सरकार के द्वारा ऐसे खिलाड़ियों के हौसला आफजाई के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया
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कोराना काल में खेल और खिलाड़ियों की स्थिति बदतर : गोपाल
सर्विस स्पोर्ट्स क्लब मोतिहारी के सचिव गोपाल जी मिश्रा बताते हैं कि कोरोना काल में पूर्वी चंपारण के खेल और खिलाड़ियों की स्थिति और बदतर हो गई। इस दौरान सभी तरह की गतिविधियां बंद है। फिलहाल पूर्वी चंपारण में खेल और खिलाड़ी की स्थिति काफी बदतर है और एक नेहरू स्टेडियम जो है वह भी पशुओं का चारागाह एवं अतिक्रमण का शिकार हो गया है। जहां स्कूल संचालित होता है। मैं सरकार और जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि नेहरू स्टेडियम को स्कूल को खाली कराया जाए और खेल और खिलाड़ी की एक समिति बनाकर उसे उपलब्ध कराया जाए। ------------
स्पोर्ट्स क्लब के सचिव प्रभाकर जायसवाल अपने जमाने के मशहूर फुटबॉलर रहे हैं। उनके द्वारा खिलाड़ियों की मदद करना, खेल को बढ़ावा देने से लेकर अन्य सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना और जरुरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। श्री जायसवाल फुटबॉल रेफरी, इसके बाद सफल आयोजक, संघ के पदाधिकारी और स्पोट्स प्रोमोटर के रूप में उनकी अलग पहचान है। वे अपने सामाजिक दायित्वों का भी पूरा निर्वहन करते हैं। -------
महताब फुटबाल का उभरता खिलाड़ी
शहर के छतौनी बढ़ई टोला महताब आलम जिले का उभरता खिलाड़ी है। उसने फुटबाल खेल में चंपारण का नाम रौशन किया है। वह बिहार फुटबाल टीम में भी अपनी खेल की प्रतिभा दिखा चुका है। वह महाराष्ट्र के पूना में राष्ट्रीय राष्ट्रीय फुटबॉल प्रतियोगिता में बिहार टीम के लिए उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया था। वह जूनियर नेशनल फुटबॉल प्रतियोगिता में भी हिस्सा लेकर अपनी टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन कर चुका है।