बाढ़ से बर्बाद हो चुकी धान की फसल किसान मायूस
आदापुर। बबुआ हो तीन से चार बार बाढ़ आ के हमनी के बर्बाद कर देलस आज घर में अनाजों नइ
आदापुर। बबुआ हो, तीन से चार बार बाढ़ आ के हमनी के बर्बाद कर देलस, आज घर में अनाजों नइखें। अब बाल बच्चा सब का खाई । बाढ़ के कारण खेत में रोपल फसलों डूबके समाप्त हो गईल। आउर ना खेत में फसल लागल बा कि कटाई त खाएल जाई। हम ना जानत रहनी कि पसाह आउर मरधर नदी हमनी के बरबाद कर दी, कह कर रो पड़ती है। प्रखंड क्षेत्र के दुबहा पंचायत अंतर्गत बगही गांव के 70 वर्षीय वृद्ध बिगनी देवी कहती है कि दो महिना हो गया है। अच्छा भोजन भी नहीं मिल रहा है। इनका दर्द सहीं है कि मरधर व पसाह नदी ने इस बार वो तबाही मचाई है कि अब खेत रोपने के लिए बिचड़ा तक नहीं मिल पा रहा है। वहीं बाढ के कारण परीक्षण सहनी सहित दर्जनों के घर धारासाई हो गया। वहीं परमानंद सहनी, ढोराई सहनी, जवाहिर सहनी बलिराम सहनी व जंगबहादुर सहनी सहित सैकडों लोगों के ढाई से तीन सौ एकड खेत में लगे धान के फसल तीसरी बार बर्बाद कर दिया है। इधर दर्जनों पोखर में पानी प्रवेश करने से लाखों रुपये मूल्य का पोखर का मछली भी बाढ़ में भाग चुकी है। विधायक डॉ. अजय कुमार सिंह पहुंच स्थित को देखे थे। इनकी समस्याओं से अवगत हुए थे । साथ ही अंचलाधिकारी को सूचना देकर बाढ पीड़ितों की सूची बनाकर आपदा राहत से मदद दिलाने की बात कहीं थी। लेकिन आज तक ना तो आपदा राहत कोष से कुछ मिला और न अपना क्षेत्र बाढ़ग्रस्त ही घोषित हुआ । इस संबंध में अंचलाधिकारी विजयशंकर सिंह का कहना है कि हमने जिला को सूची बनाकर भेजा था। क्यों नहीं आया मुझे पता नहीं है। फिलहाल मेरा स्थानांतरण हो चुका है। इसलिए कुछ कह नहीं सकता।