डोर-टू-डोर कटरा उठाव नहीं, प्रोसेसिंग प्लांट भी बेकार
मोतिहारी। नगर परिषद क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था एकदम लचर हो गई है। पूरा शहर कूड़ा-कचरा से पटा हुआ है।
मोतिहारी। नगर परिषद क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था एकदम लचर हो गई है। पूरा शहर कूड़ा-कचरा से पटा हुआ है। जिसका दंश शहरवासी झेल रहे हैं। वहीं बेसहारा पशुओं पर लगाम नहीं लगाया जा सका। शहर से निकलने वाले कचरे को नप प्रशासन द्वारा नेशनल हाइवे पर निस्तारण कराकर उसमें आग लगा दी जा रही है। जिससे निकलने वाले धुआं से वहां के वाशिदे परेशान हैं। जबकि शहर में कचरे से निकल रही जहरीले धुएं से शहर का पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। इस कृत पर लगाम लगाने में जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रही है। जबकि डोर-टू-डोर कंपनी को जिसे नप प्रशासन प्रतिमाह 13 लाख रुपये भुगतान कर रही है। वह भी शहर को स्वच्छ बनाने में नाकारा साबित हो रही है। नगर परिषद ने तकरीबन 3 से 4 करोड़ की लागत से कचरा प्रोसेंसिग के लिए प्लांट लगाया था। जिसे दो वर्ष बाद भी शुभारंभ नहीं कराया जा सका। जिसके कारण कचरे का निस्तारण शहर के किनारे हाइवे पर किया जा रहा है। वहीं नगर परिषद ने शहर की स्वच्छता के लिए 25 हजार घरों में सूखा और गीला कचरा रखने के लिए 50 हजार डस्टबीन खरीदकर वितरण करने की घोषणा की। लेकिन इस घोषणा को नप प्रशासन ने अभी तक पूरा नहीं कर सकी है।
एकरारनामा के तहत कार्य नहीं कर रही है डोर-टू-डोर कंपनी
नगर परिषद के पूर्व मुख्य पार्षद सह वार्ड संख्या-24 के पार्षद मोहिबुल हक ने बताया कि डोर टू-डोर कचरा उठाने के लिए 25 जनवरी 17 को नप प्रशासन ने सिलीगुड़ी की इनवायरल कंपनी से एकरार किया था। एकरारनामा के मुताबिक नप ने 4 करोड़ की लागत से कचरा प्रोसेंसिग के लिए प्लांट लगाया। कंपनी से एकरारनामा में तय था कि डोर-टू-डोर कचरा उठाकर सीधे प्लांट में ले जाना है। एकरारनामा जनवरी-20 में समाप्त होने को हैं, लेकिन कंपनी ने न कार्य शुरू किया और न ही प्लांट का शुभारंभ। आज नगर परिषद प्रतिमाह उक्त कंपनी को 13 लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान कर रही है, जो एक बड़े घोटाले का संकेत दे रहा है। पार्षदों ने बोर्ड की बैठकों में कई बार कंपनी के भुगतान पर रोक लगाते हुए उसका एकरानामा रद करने का प्रस्ताव दिया। लेकिन नप प्रशासन ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। जिसके कारण शहर की स्थिति नारकीय हो गई है।
सड़क पर ही फेंक देते कूड़ा
यहां के दुकानदार भी शहर की स्वच्छता को बिगाड़ने में अव्वल हैं। इन दुकानदारों को कोई डर नहीं है। ये अपने दुकानों से कचरे को निकालकर शहर के बीचों बीच फेंक देते हैं। जबकि फल और सब्जी दुकानदार भी अपने सड़े फल, सब्जियां सड़क पर ही फेंक देते हैं। जिससे सड़क गंदा हो जाता है। जबकि वहां बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लग जाता है। जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
कूड़ा सड़क पर फेंकने पर दंड का प्रावधान
कूड़ा सड़क पर फेंकने पर दंड का प्रावधान है, लेकिन इसका अमल नगर परिषद द्वारा नहीं किया जाता है। जिसके कारण सड़क पर कूड़ा-कचरा फेंकने वालों का मनोबल बढ़ा हुआ है। हां कभी-कभी नप प्रशासन शहर में माइकिग कराकर सड़क पर कचरा फेंकने वालों से जुर्माना वसूल करने की सूचना प्रसारित कराकर डराने का काम करती है।
बयान
स्वच्छता अभियान के तहत नगर परिषद के 25 हजार घरों को सूखा और गीला कचरा रखने के लिए 50 हजार डस्टबीन का वितरण किया जाएगा। जबकि कूड़ा उठाव के लिए 75 हैंड ट्राली की खरीदारी की जाएगी। इसके लिए सरकारी एजेंसी जेम पोर्टल को आर्डर दे दिया गया है।
अंजु देवी, मुख्य पार्षद नगर परिषद मोतिहारी।