सदर अस्पताल में जटिल ऑपेरशन कर बच्चे की बचाई गई जान
मोतिहारी । सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा आरके वर्मा व डॉ. असद कमाल ने कमाल का काम किया है।
मोतिहारी । सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा आरके वर्मा व डॉ. असद कमाल ने कमाल का काम किया है। दोनों चिकित्सकों ने अपनी सूझबुझ से एक बच्चे की जान बचा ली। बता दें कि शुक्रवार को सुगौली के बहुरूपिया गांव में सरकारी विद्यालय से पढाई कर वापस आ रहे दो भाईयों में आपसी विवाद हो गया था। जहां छोटे भाई ने अपने बडे भाई के सर में पेन से वार कर बुरी तरह घायल कर दिया था। आनन-फानन मे बच्चे के अभिभावक उसको लेकर सुगौली पीएचसी पहुंचे, जहां गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने मोतिहारी रेफर कर दिया। सदर अस्पताल में आते ही बच्चे का इलाज शुरू कर दिया गया। उपाधीक्षक डॉ. वर्मा बताते हैं कि ज्यादा दबाव के कारण पेन का निब बच्चे के ब्रेन तक चला गया था। बच्चे की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। ब्रेन तक निब के चले जाने से ऑपरेशन करना भी जटिल कार्य था। काफी सोचने विचारने के बाद उन्होंने बच्चे को रेफर करने के बजाए उसका यही पर इलाज करने व सर्जरी कर फंसे हुए पेन को निकालने का निर्णय लिया। हालांकि यह थोड़ा जोखिम भरा काम जरूर था, लेकिन उन्हें खुद पर व डॉ कमाल पर पूरा भरोसा था। तत्काल उन्होंने इसकी सूचना सदर अस्पताल के नामचीन सर्जन डॉ कमाल को दी। कुछ देर के मंथन के बाद ऑपेरशन को अंजाम देने का निर्णय ले लिया गया। जिसके बाद उपाधीक्षक डॉ वर्मा ने खुद दवा देकर बच्चे को बेहोश किया। तब सर्जन डॉ कमाल ने जटिल ऑपेरशन को अंजाम देकर बच्चे के सिर में फंसे पेन को बाहर निकाला। डॉ कमाल ने बताया कि पेन का निब जाकर ब्रेन के लेफ्ट टेम्पोरल रीजन फंस गया था। ऐसे हालात में बच्चे को मेंजाइटिस सहित अन्य गंभीर बीमारी भी हो सकती थी। ऑपेरशन में तकरीबन आधा घंटा का वक्त लगा। उन्होंने कहा कि बच्चे को होश आया गया है और अब वह खतरा से बाहर है। घायल अजित कुमार के पिता रामायण महतो भावुक होकर कहते हैं अस्पताल के चिकित्सकों ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने शुरू में बच्चे के यहां ठीक होने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन चिकित्सकों के द्वारा भरोसा दिलाने पर उन्होंने धैर्य रखा और इसी का नतीजा है कि अब उनका बच्चा स्वस्थ्य हो रहा है।