लॉकडाउन में कपड़े के व्यवसाय से जुड़े व्यवसायियों को हुआ सर्वाधिक नुकसान
मोतिहारी। कोरोना संक्रमण को ले लगे लॉकडाउन में कपड़े के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों
मोतिहारी। कोरोना संक्रमण को ले लगे लॉकडाउन में कपड़े के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है। प्रथम, द्वितीय लॉकडाउन में कपड़े के कारोबार से जुड़े सभी दुकानें पूर्ण रूपेण बंद रही। जबकि तीसरे लॉकडाउन में सरकार व प्रशासन के निर्देश पर सप्ताह में तीन दिनों के लिए कुछ दिन दुकानों को खोला गया, लेकिन पुन: बंद कर दिया गया। शहर के हेनरी बाजार स्थित कपड़ा व्यवसायी श्री राम साड़ी भंडार के प्रोपराइटर राम भजन बताते हैं कि कोरोना रूपी वायरस को देखते हुए सरकार ने जब लॉकडाउन की घोषणा की तो लगातार दो माह तक कपड़े का व्यवसाय बंद पूर्णरूपेण बंद रहा। उस समय शादी-विवाह लग्न का मुख्य सीजन चल रहा था। बाजार की मांग को देखते हुए बड़ी मात्रा में खरीदारी कर रखी थी। खरीदारी के लिए विभिन्न शहरों में भ्रमण के दौरान कुछ माल का ऑर्डर देकर चले आए थे, जो ट्रांसपोर्ट में पड़ा था, और इसबीच लॉकडाउन की घोषणा हो गई। उन्होंने बताया कि दुकान बंद होने पर नुकसान की मार झेल रहे थे, इस पर कपड़ों का अत्यधिक भार, स्टाफ का खर्च, दुकान का किराया, बिजली बिल, बैंक से लिए गए ऋण का ब्याज के बाद घर का खर्च उठाना पड़ा। इस बीच हर 14 व 28 दिन के अंतराल पर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती रही। इस कारण कपड़े के व्यवसाय को लेकर कोई नई नीति जैसे ऑनलाइन बिक्री की नहीं बना सके। लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते रहे। अब लॉकडाउन के बाद जब पुन: बाजार खुला तो ग्राहकों की संख्या नगण्य है। लोगों के अंदर खरीदारी की क्षमता कम हो गई है। केवल लोग जरूरत भर की ही खरीदारी कर रहे हैं। शादी विवाह का डेट सभी लोग आगे की ओर बढ़ा दिए हैं। मजदूरों की कमी होने के कारण फैक्ट्रियां बंद है। मनचाहे माल उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। कैसे बाजार पटरी पर आएगा जिस की चिता सता रही है। फेसबुक व व्हाट्सएप के माध्यम से मैं अपने दुकान में नित नए डिजाइन का फोटो डालकर ग्राहकों से संबंध जोड़ रहा हूं। ग्राहकों को कोरोना काल में दुकान पर आने के पूर्ण सुरक्षा की गारंटी और सैनिटाइजर मास्क की उपलब्धता बताते हुए खरीदारी करने के लिए जागरूक कर रहा हूं। नित्य फोन करके ग्राहकों के साथ आपसी सामंजस्य और समन्वय बनाए रखता हूं। ग्राहकों का भी स्नेह और प्यार मिला है। धीरे-धीरे ग्राहक निर्भिक होकर खरीदारी करने के लिए निकलने लगे है। कोरोना कॉल में हुए नुकसान ने हमें यह शिक्षा दे दिया कि अब गूगल इंस्टाग्राम फेसबुक के माध्यम से व्यवसाय को डिजिटल बनाना होगा, तभी जाकर ऑनलाइन मार्केट जो बाजार पर बुरा असर डाल रहा है उससे निजात मिल पाएगी। उन्होंने बताया कि उनके दुकान में तीन सेल्समैन कार्यरत थे, जो लॉकडाउन के दौरान भी उनसे जुड़े थे। सभी से पारिवारिक संबंध हो चुका है। इस कारण ना तो किसी को हटाया और ना हीं किसी का वेतन काटा। आज सभी खुश है, लेकिन कोरोना काल के दौरान हुए नुकसान की भरपाई इस वर्ष पूरी होती नहीं दिख रही है। कपड़ा व्यवसाय से जुड़े ओमप्रकाश गुप्ता, गुंजन कुमार, सचिन कुमार, अनिरूद्ध लोहिया सहित दर्जन भर दुकानदारों ने सर्वाधिक नुकसान की बात कही। दुकानदारों ने बताया कि इनकी दुकानें सड़क के समनांतर है, बारिश व जलजमाव के दौरान दुकानों में पानी के प्रवेश से भी भारी नुकसान की बात कही। वही फुटपाथ कपड़ा विक्रेता संघ के जगदीश प्रसाद ने बताया कि लॉकडाउन के कारण सड़क किनारे दुकान लगाकर कपड़ों की बिक्री से जुड़े छोटे व फुटकर कारोबारियों को भी काफी नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के दौरान इस धंधे से जुड़े कई लोग फल व सब्जी का कारोबार कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते दिखे।