मोतीझील में पहली बार पक्के मकानों पर चला बुल्डोजर
मोतीझील की जमीन का अतिक्रमण कर बनाए पक्के मकान व अन्य संरचनाओं को तोड़ने का प्रशासन ने शुक्रवार को पहली बार साहस दिखाया। बार-बार की नोटिस के बाद भी इन अतिक्रमणकारियों पर इसका असर होते नहीं देख प्रशासन ने जबरदस्त सख्ती दिखाते हुए उन पक्की संरचनाओं को भी ध्वस्त कर दिया।
मोतिहारी । मोतीझील की जमीन का अतिक्रमण कर बनाए पक्के मकान व अन्य संरचनाओं को तोड़ने का प्रशासन ने शुक्रवार को पहली बार साहस दिखाया। बार-बार की नोटिस के बाद भी इन अतिक्रमणकारियों पर इसका असर होते नहीं देख प्रशासन ने जबरदस्त सख्ती दिखाते हुए उन पक्की संरचनाओं को भी ध्वस्त कर दिया। यह अभियान आगे भी जारी रखने की बात कही गई है। यहां बता दें कि मोतीझील के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन की ओर से कई बार प्रयास हुए थे, पर इस बार प्रशासनिक अधिकारियों ने ²ढ़ इच्छाशक्ति दिखाते हुए अतिक्रमण हटाने का यह महाभियान प्रारंभ किया है। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के निर्देश पर अतिक्रमण को हटाने के लिए मास्टर प्लान पर पिछले एक पखवारे से काम चल रहा था। 28 जनवरी से अभियान को प्रारंभ करने की तिथि तय थी। इससे पहले तमाम औपचारिकता पूरी करते हुए अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण हटाने के लिए अल्टीमेटम भी दिया गया था। इसके बावजूद अतिक्रमणकारी हर बार की तरह शांत रहे। गुरुवार को अपर समाहर्ता शशिशेखर चौधरी, सदर एसडीओ प्रियरंजन राजू व डीसीएलआर के नेतृत्व में अधिकारियों व पुलिस बल के साथ रोइंग क्लब के पास से अतिक्रमण हटाने का अभियान प्रारंभ किया गया। नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुनील कुमार ने मजदूर व जेसीबी मुहैया कराया था। पुलिस की सख्ती के आगे किसी की नहीं चली और देखते-देखते एक के बाद एक घर जो अतिक्रमित थे उन्हें ध्वस्त किया जाने लगा।
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सुबह से शाम तक चला अभियान, ध्वस्त हुए दर्जनभर मकान
सुबह नौ बजे से शाम तक चले इस अभियान में करीब एक दर्जन पक्के मकान को ध्वस्त किया गया। अधिकारियों ने कहा कि एक दिन पूर्व भी लोगों को कहा गया था कि वे अतिक्रमण को खाली कर दें, अन्यथा प्रशासन उसे सख्ती के साथ हटाएगा। कहा गया कि अतिक्रमणकारियों से अतिक्रमण हटाने का भी खर्च की वसूली की जाएगी। बता दें कि इससे पूर्व भी तत्कालीन डीएम रमण कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चला था, पर उनके स्थानांतरण होने व कोरोना संक्रमण के कारण अभियान पर ब्रेक लग गया था। उस समय प्रारंभिक स्तर पर अतिक्रमण को हटाया गया था। छोटे-छोटे अतिक्रमणकारियों को हटाया गया था। लेकिन पहली बार बड़े मकानों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई है। कहा गया कि मोतीझील को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त कराने तक इस अभियान को नियमित जारी रखा जाएगा।