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विस्तारवादी नीति का बहिष्कार जरूरी, एप पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम

मोतिहारी । सरकार द्वारा चाइनीज एप्स बंद किए जाने के फैसले का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं। इ

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 11:14 PM (IST)
विस्तारवादी नीति का बहिष्कार जरूरी, एप पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम
विस्तारवादी नीति का बहिष्कार जरूरी, एप पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम

मोतिहारी । सरकार द्वारा चाइनीज एप्स बंद किए जाने के फैसले का सभी लोग स्वागत कर रहे हैं। इसकी मांग कई दिनों से की जा रही थी। गणमान्य लोगों का मानना है कि ये फैसला स्वागतयोग्य है। युवाओं ने भी इस फैसले को देश के स्वाभिमान के लिए बेहतरीन बताया है। इस सम्बंध में रघुनाथपुर निवासी पूर्व प्रधानाध्यापक भाग्यनारायण सिंह का कहना है कि भारत को अपनी शक्ति हर क्षेत्र में म•ाबूत करनी चाहिए। चाइनी•ा एप्स का बहिष्कार पूर्ण रूप से करने की जरूरत है। इससे लोगों की निजी जानकारियों के चोरी होने का ़खतरा नहीं रहेगा। चीन के साम्यवादी, साम्राज्यवादी व विस्तारवादी नीति का तिरस्कार करना भी अब अवश्यम्भावी हो गया है। भाजपा युवा मोर्चा के अंशु कुमार जायसवाल ने कहा कि हम सबको चाहिए कि चीन निर्मित उत्पादों का बहिष्कार करें और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना उत्कृष्ट योगदान दें। अभिनय जगत व खेल जगत को चीनी वस्तुओं का विज्ञापन नहीं करना चाहिए। इससे दूसरे लोगों को भी स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी। केविवि के छात्र नन्दन कुमार का कहना है कि भारत सरकार द्वारा 59 चाइनीज ऐप्पस पर प्रतिबंध लगाना बेहद सराहनीय कदम है। हम सब इसका समर्थन करते हैं। हम अपने देश को आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। हमारा देश युवाओं का देश है। अगर युवा यह संकल्प लेते हैं कि हम भारतीय वस्तुओं का उपयोग करेंगे तो अवश्य हीं एक दिन भारत मजबूत अर्थव्यवस्था के साथ सुपर पावर बनेगा। मुंशी सिंह महाविद्यालय के छात्र रजत कुमार का कहना है कि हमारे देश के जवान सीमा की रक्षा कर रहे हैं, जिससे हमारा देश बाहरी आक्रमण से सुरक्षित है। आंतरिक सुरक्षा के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा। चीनी सामान के बहिष्कार के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं और एप्स का निर्माण करके उसकी धू‌र्त्तता का माकूल जवाब दिया जाना अब अति आवश्यक हो गया है।

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भारत की घेराबंदी प्रक्रिया से चीन को लेनी चाहिए सबक : भूतपूर्व सैनिक

भूतपूर्व सैनिक व अरेराज अनुमंडल सैनिक संघ के पूर्व अध्यक्ष शंकर प्रसाद का कहना है कि 1962 के बाद से हीं चीन के मन में एक पूर्वाग्रह है कि भारत एक कमजोर राष्ट्र है और हम जैसा चाहेंगे वैसा करवा लेंगे। उस समय चीन ने हमारे काफी भूभाग पर नाजाय•ा रूप से कब्•ा कर लिया था। लेकिन, प्रधानमंत्री द्वारा उद्घोषित घेराबन्दी प्रक्रिया से चीन को सबक लेना चाहिए कि भारत मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है। अब जब भारत, चीन से लगती सीमा पर सड़क व पुल जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर म•ाबूत कर रहा है तो चीन को यह बात नगावार लग रहा है। अब भारत को सैनिक मोर्चेबंदी के अलावा आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को घेरने की रणनीति अपनानी चाहिए। इसकी शुरुआत देश की सशक्त सरकार ने कर दी है। वर्तमान समय की मांग है कि हर मोर्चे पर हम चीन से मुकाबला करने को तैयार रहें ताकि आर्थिक व सामरिक दोनों तरह से चीन की चालबा•ाी का जवाब दिया जा सके। यह हालात का तका•ा भी है कि चीन निर्मित सामानों का बहिष्कार हर स्तर पर किया जाए ताकि उसके हौसले पस्त हो जाएं।


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