इस सत्र से एलएनडी में शुरू हो रही है बीएड की पढ़ाई
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई मोतिहारी स्थित लक्ष्मी नारायण दूबे महाविद्यालय एक साथ कई आकर्षणों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
मोतिहारी। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की अंगीभूत इकाई मोतिहारी स्थित लक्ष्मी नारायण दूबे महाविद्यालय एक साथ कई आकर्षणों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है। जिले में यह पहला अंगीभूत कॉलेज है जहां बीएड की पढ़ाई शुरू की गई है। इस व्यवस्था को स्वीकृति मिल चुकी है। कॉलेज में बीएड के लिए कुल सौ सीटों की स्वीकृति मिली है। इसके आलोक में नामांकन भी हो रहे हैं। इसी सत्र से कॉलेज में बीएड की पढ़ाई प्रारंभ हो रही है। अब वह समय दूर नहीं जब इस कॉलेज में स्नातकोत्तर स्तर की कक्षाएं भी संचालित होंगी। इसके लिए आर्ट्स एवं साइंस के कुल सात विषयों में पीजी की पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस कॉलेज में अब तक इंटर एवं स्नातक स्तर की शिक्षा की व्यवस्था है। अन्य प्रक्रियाओं को किया जा रहा है पूरा एकेडमिक काउंसिल की मंजूरी के बाद अब कुछेक प्रक्रियाओं का पूरा किया जाना शेष है। बताया गया है कि इसे भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इस संबंध में प्राचार्य डॉ. अरूण कुमार ने बताया कि बहुत जल्द इस कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। यहां कुल सात विषयों के लिए मंजूरी मिली है। इनमें विज्ञान के भौतिकी एवं रसायन तथा कला के अर्थशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, मनोविज्ञान, भूगोल एवं इतिहास शामिल है। विज्ञान के विषयों के लिए 16-16 तथा कला के लिए 32-32 सीटें निर्धारित की गई हैं। अब तक एक कॉलेज में ही पीजी तक की शिक्षा उल्लेखनीय है कि मोतिहारी शहर में विश्वविद्यालय की कुल चार अंगीभूत इकाई कॉलेज हैं। इनमें एमएस कॉलेज, एलएनडी कॉलेज, एसएनएस कॉलेज एवं डॉ. एसकेएस महिला कॉलेज शामिल हैं। इनमें केवल एमएस कॉलेज में ही स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई की व्यवस्था है। हालांकि महिला कॉलेज में भी स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई को स्वीकृति देने की दिशा में विवि की टीम कॉलेज के संसाधनों का निरीक्षण करने वाली है। अगर स्वीकृति मिल जाती है तो मोतिहारी के चार में से तीन कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई संभव हो सकेगी। पुस्तकालय व लैब को किया जा रहा अपग्रेड कॉलेज में अब वह दिन दूर नहीं जब करीब-करीब बंद पड़े पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाओं में भी विद्यार्थियों की कोलाहल सुनाई देगी। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन ने ठोस कदम उठाए हैं। प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने की योजना बनाई गई है। इस क्रम में पुस्तकालय के स्वरूप का भी विस्तार किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा पुस्तकों के क्रय के लिए उपलब्ध कराई जा रही राशि से नई पुस्तकों को इस पुस्तकालय का हिस्सा बनाया जाएगा। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित की जाएगी कि विद्यार्थियों को इसका लाभ मिले। वहीं, ऑनलाइन शिक्षा को लेकर भी काफी कुछ किया जा रहा है। शिक्षकों की कमी होगी दूर शैक्षणिक गतिविधियों को तेज करने की दिशा में शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या है। इसका असर कक्षाओं के संचालन पर पड़ता है। इतना ही नहीं कई ऐसे विभाग हैं जहां एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसे विभागों में हिदी, अंग्रेजी, उर्दू, बॉटनी, जुलॉजी, राजनीतिक विज्ञान आदि शामिल हैं। मगर इस समस्या के निराकरण के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं। अतिथि शिक्षकों की बहाली कर इस समस्या को दूर किया जा रहा है। इस कॉलेज में गणित विषय में ऑनर्स की व्यवस्था नहीं है। इस विषय के भी शिक्षक नहीं हैं। मगर अब गणित ऑनर्स की स्वीकृति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्राचार्य ने कहा प्राचार्य अरुण कुमार ने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि कॉलेज में शिक्षा का बेहतर माहौल बने। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं। सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। बीएड में नामांकन जारी है। स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा भी बहुत जल्द शुरू होगी। जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है। खेल मैदान का भी विकास किया जा रहा है। पांच हजार परीक्षार्थियों की क्षमता वाले परीक्षा भवन के निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। शिक्षकों की कमी को दूर करते हुए कक्षा संचालन पर भी बल दिया जा रहा है।