AIDS मरीज को अस्पताल में नहीं दी जगह, मौत के बाद हंगामा
मोतिहारी सदर अस्पताल में एक एड्स पीडि़त की इलाज के अभाव में मौत के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। परिजनों ने सड़क जाम कर दिया। बाद में पुलिस के पहुंचने पर स्थिति सामान्य हो सकी।
पटना [जेएनएन]। मोतिहारी सदर अस्पताल में बुधवार को एक मरीज की मौत हो जाने के बाद लोगों ने जमकर बवाल काटा। लोगों का आरोप था कि एचआइवी पीड़ित मरीज को समय पर भर्ती नहीं किया गया। इस कारण से उसकी मौत हो गई और उसके परिजन बेचैन रहे।
नाराज लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल के सामने की मुख्य सड़क को जाम कर दिया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। घटना की सूचना पर नगर थानाध्यक्ष अजय कुमार के नेतृत्व में पहुंची नगर पुलिस ने लोगों को समझाया, जिसके बाद सड़क जाम समाप्त हुआ और आवागमन सामान्य हो पाया।
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यह है घटनाक्रम
सुगौली के नयका टोला फुलवरिया निवासी अशोक महतो एचआइवी से पीड़ित था। उसकी चिकित्सा अस्पताल के एआरटी विभाग के माध्यम से चल रही थी। इस बीच बुधवार को उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी। परिजन उसे लेकर अस्पताल आए और यहां ओपीडी में 16 नंबर काउंटर पर मरीज को दिखाया। इस दौरान चिकित्सक ने मरीज को भर्ती कराने की सलाह दी।
इसके बाद परिजन अभी इमरजेंसी में जाते कि अशोक ने दम तोड़ दिया। उसकी मौत के बाद पत्नी लक्ष्मी देवी व भाई संजीव महतो रोने लगे। इतने में लोगों की भीड़ मौके पर जमा हो गई और अस्पताल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
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अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
परिजन व अन्य लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मरीज के इलाज में कोताही की गई। यदि समय रहते मरीज को भर्ती कर उसका इलाज किया जाता तो संभव था कि उसकी तबीयत थोड़ी ठीक होती। लेकिन, ऐसा नहीं किया जा सका। हालांकि, मरीज के भाई संजीव ने किसी की भी शिकायत करने से परहेज किया।
मरीज के भाई ने कहा
मरीज अशोक के भाई संजीव ने कहा कि मेरा भाई लंबे समय से बीमार था। उसकी चिकित्सा चल रही थी। भर्ती कराने की प्रक्रिया के बीच ही उसकी मौत हो गई। मुझे मेरे भाई का शव मिल जाए। मुझे किसी विवाद में नहीं पड़ना है।
बोले अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि मरीज के चिकित्सा की प्रक्रिया चल रही थी। वह इमरजेंसी तक लाया भी नहीं गया था कि उसकी मौत हो गई। अस्पताल के स्तर पर कहीं कोई चूक नहीं की गई है। मरीज के भाई के अनुरोध पर उसके शव को उसके गांव भेजा जा रहा है।