ट्रेड यूनियन की हड़ताल से बैंकों की 176 शाखाओं में लटके रहे ताले
ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण जिले के विभिन्न बैंकों की 176 शाखाओं के कामकाज ठप रहे और लगभग 200 करोड़ के नकद लेन देन नहीं हो सका। वहीं 300 करोड़ के चेक क्लियरिग का व्यापार प्रभावित हुआ।
मोतिहारी । ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के कारण जिले के विभिन्न बैंकों की 176 शाखाओं के कामकाज ठप रहे और लगभग 200 करोड़ के नकद लेन देन नहीं हो सका। वहीं 300 करोड़ के चेक क्लियरिग का व्यापार प्रभावित हुआ। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के संयोजक डी एन त्रिवेदी ने बताया कि जिले में व्यावसायिक और ग्रामीण बैंक के एक हजार से ज्यादा बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। दोपहर तक बैंकों की सारी एटीएम ड्राई हो गये और बैंक ग्राहक विभिन्न बैंकों के एटीएम का चक्कर काटते रहे। जिला मुख्यालय में बैंककर्मियों द्वारा अपने-अपने प्रशासनिक कार्यालयों पर धरना- प्रदर्शन किया गया और स्टेट बैंक बापूधाम, एडीबी व बाजार शाखा तथा अन्य निजी बैंकों की शाखाओं को बंद करा दिया। जिला ट्रेड यूनियन-सेवा संघ के नेतृत्व में बैंक रोड में रैली की गई। इसमें विभिन्न बैंकों, रेलवे व बीएसएनएल के सैकडों कर्मियों ने भाग लिया। रैली में बैंक की ओर से सुरेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार श्रीवास्तव, धनंजय कुमार भारती, प्रेमकुमार, चंदन कुमार मिश्र, अजय सिंह, अमित कुमार, राहुल कुमार, आलोक कुमार, रेलवे यूनियन के अच्युतानंद पटेल, दिलीप कुमार व बीएसएनएल के राजेश कुमार चौबे, चन्द्र शेखर सिंह और मनोज कुमार साह ने मुख्य रूप से भाग लिया। नप कर्मचारियों ने कार्यालय के समक्ष धरना दे किया प्रदर्शन
ट्रेड यूनियन की ओर से देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में नगर परिषद के कर्मचारी यूनियन बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फैडरेशन के बैनर तले गुरुवार को कार्यालय के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया। धरना के समाप्ति के बाद कर्मचारियों का शिष्टमंडल मांगों का ज्ञापन ईओ को सौंपा। मौके पर सचिव मदन राम, प्रधान सहायक राकेश कुमार उफऱ् शेखर, रोकरपाल अजीत कुमार, सहायक प्रफुल्ल चंद्र, बृजमोहन कुमार, अवधेश ठाकुर, नेजाम हुसैन, मंजू देवी, अजय कुमार वर्मा,,अनामिका देवी, रेणु देवी, रामचंद्र प्रसाद, सुरेश राम, प्रमोद राम, नवल किशोर प्रसाद, टैक्स दारोगा अरुण कुमार मिश्रा, राजेश कुमार, उमा प्रसाद आदि मौजूद थे।
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कर्मचारियों की मांग एक नजर में -
1. अनुबंध एवं दैनिक कर्मियों को नियमितीकरण।
2. निजीकरण समाप्त करना।
3. जबरन 50 वर्ष पर रिटायरमेंट के पत्र को निरस्त करना।
5. आउटसोर्सिंग प्रथा समाप्त करना।
6. नगर परिषद के कर्मियों का वेतन विसंगति दूर करना।
7. सातवां वेतन लागू करना।