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उत्तर बिहार में आतंक का जाल बिछाना चाहता था यासीन भटकल, जानिए

हैदराबाद ब्लास्ट में फांसी की सजा पाए यासीन भटकल की ससुराल बिहार के दरभंगा में है। भटकल उत्तर बिहार में आतंक का जाल बिछाना चाहता था । इसके लिए उसने तहसीन को चुना था।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 20 Dec 2016 07:45 AM (IST)Updated: Tue, 20 Dec 2016 10:07 PM (IST)
उत्तर बिहार में आतंक का जाल बिछाना चाहता था यासीन भटकल, जानिए

पटना [जेएनएन]। हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाने वाला आतंकी सरगना यासीन भटकल उत्तर बिहार में आतंक के नए मॉड्यूल को स्थापित करना चाहता था। इसके लिए उसने दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर में अपना एक मजबूत नेटवर्क भी तैयार कर लिया था। इसका नेतृत्व उसने समस्तीपुर के मनियापुर गांव निवासी युवक तहसीन अख्तर उर्फ मोनू को सौंपा था। भटकल की ससुराल दरभंगा के एक गांव में है।

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बता दें कि हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआइए की विशेष अदालत ने यासीन भटकल के जिन चार सहयोगियों को फांसी की सजा सुनाई है, उसमें तहसीन उर्फ मोनू भी शामिल है।

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मूलरूप से कर्नाटक के भटकल का रहने वाला यासीन भटकल का असली नाम मो. अहमद सिदीबप्पा है। हैदराबाद, बेंगलुरु, मुंबई और पुणे में लगातार सीरियल ब्लास्ट कर सैकड़ों बेगुनाहों को मौत की नींद सुलाने वाला यासीन बिहार के रास्ते ही नेपाल भागा था। तब हैदराबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में फांसी की सजा पाया असदुल्लाह अख्तर उर्फ हड्डी भी उसके साथ था।

भारतीय खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढने से पहले दोनों आतंकी नेपाल के पोखरा के समीप एक गांव में यूनानी चिकित्सक के रूप में नाम बदलकर रह रहे थे। यासीन भटकल के साथ असदुल्लाह उर्फ हड्डी बतौर सहायक रहता था। हड्डी के पिता बेंगलुरु में हड्डी के डॉक्टर हैं, जिसके कारण उसे उसके आतंकी साथी उसे हड्डी कहकर बुलाते थे।

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तहसीन अख्तर के संपर्क में आने के बाद यासीन भटकल वर्ष 2012-13 में कई महीनों तक दरभंगा में एक किराए के मकान में रहा था। यासीन भटकल से तहसीन अख्तर की नजदीकियों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपनी फरारी के बाद भटकल ने तहसीन उर्फ मोनू को ही उत्तर भारत में इंडियन मुजाहिदीन की कमान सौंपी थी। बाद में तहसीन भी पश्चिम बंगाल से लगी भारत-नेपाल की सीमा से पकड़ा गया था।

भटकल का दरभंगा में रहने का मुख्य मकसद भारत-नेपाल के सीमावर्ती जिलों में इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठन को विस्तार देना था। उसने मुंबई, पुणे और बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट में नेपाल से लगे बिहार के सीमावर्ती जिलों मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर के कई युवकों का इस्तेमाल बतौर कैरियर किया था।

यासीन भटकल का बड़ा भाई रियाज भटकल फिलहाल पाकिस्तान में छुपा हुआ बताया जाता है। यासीन ने वर्ष 2006 में पाकिस्तान की यात्रा भी की थी। जहां उसने लश्करे तय्यबा के आतंकी कैंप में प्रशिक्षण लिया था।


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