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कुशेश्वरस्थान में नहर खुदाई का काम बंद, किसानों की चिता बढ़ी

बरसात के मौसम को करीब आता देख कुशेश्वरस्थान के किसानों की चिता एक बार फिर बढ़ गई है। वजह यह कि यहां साल के छह महीने बाढ़ व बरसात के पानी में डूबे रहनेवाले खेतों को जल-जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए शुरू किया गया नहर खुदाई का कार्य बंद हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 12:22 AM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 12:22 AM (IST)
कुशेश्वरस्थान में नहर खुदाई का काम बंद, किसानों की चिता बढ़ी
कुशेश्वरस्थान में नहर खुदाई का काम बंद, किसानों की चिता बढ़ी

दरभंगा । बरसात के मौसम को करीब आता देख कुशेश्वरस्थान के किसानों की चिता एक बार फिर बढ़ गई है। वजह यह कि यहां साल के छह महीने बाढ़ व बरसात के पानी में डूबे रहनेवाले खेतों को जल-जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए शुरू किया गया नहर खुदाई का कार्य बंद हो गया है। नहर की खुदाई के साथ प्रखंड के आधे दर्जन से अधिक चौर में होनेवाले जल-जमाव से निजात दिलाने के लिए कुशेश्वरस्थान पूर्वी व कुशेश्वरस्थान प्रखंड के अलग-अलग स्थानों से नहर की खुदाई कर उन्हें क्रमश: कमला बलान और कमला नदी में मिलाने की योजना है। इससे सैकड़ों एकड़ जमीन को जल-जमाव से मुक्ति मिलती और किसान चौर में भी मौसम आधारित खेती कर सकते थे। 16 जनवरी 2022 को शुरू हुआ था काम, सप्ताह भर बाद हो गया बंद स्थानीय किसान बताते हैं कि वर्ष 16 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जल संसाधन मंत्री संजय झा ने योजना का शुभारंभ किया। इसके बाद कुशेश्वरस्थान पूर्वी स्थित उच्च विद्यालय के निकट जल निकासी के लिए नहर निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। यहां से नहर निकलकर बरारी-नरैल चौर से होते हुए कमला बलान की उपधारा में मिल गई। इसी योजना के तहत पश्चिमी प्रखंड के झिलौरिया गांव के पास भी नहर निर्माण का काम शुरू हुआ। उच्च विद्यालय कुशेश्वरस्थान और झिलौरिया गांव के निकट जल निकासी के लिए नहर निर्माण का काम शुरू होने से लोगों में उम्मीद जगी की अब यहां से जल जमाव की समस्या दूर होगी। बेकार पड़े सैकड़ों एकड़ जमीन में खेती होगी और किसानों के दिन बहुरेंगे। इस बीच झिरौलिया गांव के पास करीब तीन सौ मीटर नहर खुदाई के बाद आगे रैयती जमीन आ जाने के कारण काम रूक गया। इस स्थिति को देख किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि नहर निर्माण कार्य बंद होने के पीछे किसानों की निजी जमीन वजह बनी। इस दिशा में सरकार को पहल करनी चाहिए। खास बातें:- - किसानों के खेतों में छह महीने तक रहनेवाली जल-जमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिए बरारी-नरैल चौर से कमला बलान व झिरौलिया से कमला नदी के तट की होना था नहर का निर्माण

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- कुशेश्वरस्थान के कुछ इलाकों में रैयती जमीन बीच में पड़ने के कारण मुआवजे को लेकर बंद पड़ा काम, संवेदक ने कार्य स्थल से हटाई मशीनें कोट विषय गंभीर है। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से बात करेंगे। नहर निर्माण का काम पुन: शुरू करने के लिए पहल की जाएगी। अमन भूषण हजारी विधायक, कुशेश्वरस्थान।


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