यह तो मात्र पड़ाव है, मंजिल को पाना मकसद
दरभंगा। बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं बैच के रिजल्ट में शहर के बेंता निवासी और एमएलएसए
दरभंगा। बिहार लोक सेवा आयोग की 64 वीं बैच के रिजल्ट में शहर के बेंता निवासी और एमएलएसएमकॉलेज में अंग्रेजी विभाग के प्रोफसर शौकत अंसारी एवं गृहिणी शगुफ्ता यासमीन के पुत्र आदिल बिलाल ने 22 वां स्थान प्राप्त किया है। उनका चयन पुलिस उपाधीक्षक के लिए हुआ है। बिलाल ने स्थानीय जीसस मैरी एकेडमी से दसवीं और रोज पब्लिक स्कूल से 12वीं की शिक्षा पाई। इसके बाद जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली से सिविल इंजीनियरिग में बीटेक किया। सदा आगे बढ़ने की तमन्ना दिल में बसाए आदिल को लगा कि यह उसकी मंजिल नहीं है। उसने गेट उतीर्ण किया और इसी आधार पर बीआईटी मेसरा में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिग में उनका नामांकन एमटेक पाठ्यक्रम के लिए हो गया। एमटेक करने के बाद आदिल को अपनी दादी नूरजहां और पापा शौकत अंसारी की इच्छा याद आई। दोनों की इच्छा थी कि वह प्रशासनिक सेवा में पदाधिकारी बने। आदिल ने अपनी दादी की इच्छा का सम्मान करते हुए लोक सेवा आयोग की तैयारी शुरू कर दी। स्वाध्याय पर विश्वास रखने वाले आदिल बिलाल ने बिहार लोक सेवा आयोग की प्रथम चरण की परीक्षा अपने बलबूते दी और सफलता पाई ।मुख्य परीक्षा के लिए भी उन्होंने इधर-उधर नहीं देखा। बल्कि लगातार स्वाध्याय में लगा रहा। लेकिन जब मुख्य परीक्षा में उसका चयन हो गया तो इंटरव्यू के लिए बिलाल को किसी सही मार्गदर्शक की आवश्यकता पड़ी। इस क्रम में उसे लहेरियासराय के बंगाली टोला स्थित लक्ष्य सिविल सेवा संस्थान उम्मीद की किरण के रूप में सामने आया। पूर्णेन्दु नाथ झा .एसएन झा और डा केएन झा ने इंटरव्यू के लिए उसी तैयारी इतनी सटीक अंदाज में की कि जब वह चयनकर्ताओं के सामने उपस्थित हुआ तो उसका आत्मबल सिर चढ़कर बोल रहा था। दैनिक जागरण से विशेष भेंट में आदिल ने बताया कि दादी की इच्छा थी कि वह प्रशासनिक पदाधिकारी बने। यह तो उसकी मेहनत का फल है। बिहार लोक सेवा आयोग में मिली सफलता पर उसने संतोष जताते हुए कहा कि जीवन की मंजिल नहीं है। यह उसके जीवन का एक पड़ाव है । प्रयास है कि संघ लोक सेवा आयोग में सफलता प्राप्त करें ।वही उसकी मंजिल है और उसके लिए प्रयास जारी है।