राज्यपाल ने 56 भोग का चखा स्वाद, मिथिला के आतिथ्य परंपरा से हुए रूबरू
दीक्षा समारोह में पहुंचे राज्यपाल लालजी टंडन मिथिला की आतिथ्य परंपरा से रूबरू हुए।
दरभंगा। दीक्षा समारोह में पहुंचे राज्यपाल लालजी टंडन मिथिला की आतिथ्य परंपरा से रूबरू हुए। समारोह के बाद राज्यपाल के भोजन की व्यवस्था गांधी सदन में की गई थी। वहां उन्होंने मिथिला के पारंपरिक व्यंजनों के 56 भोग का स्वाद चखा। राज्यपाल के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था की गई थी। मिथिला में देवताओं व विशिष्ट अतिथियों को 56 भोग के सचार लगाने की परंपरा रही है। इस क्रम में मंगलवार को राज्यपाल ने बासमती चावल का भात, घी-जीरा के छौंक वाला अरहर दाल, आलू-गोभी-मटर, कद्दू की सब्जी, बैगन-अदौरी, आलू-परवल, पत्तागोभी-छीमी, आलू-कुम्हरौरी, आलू-बिरिया, अरिकंच, ओल, शाही पनीर, मिक्स भेज, कटहल कोप्ता, केला कोप्ता, परवल फ्राइ, बैगन फ्राइ, ¨भडी फ्राइ, सीम, कुंडली, ¨भडी, बैगन, चठैल, करेला, व केला का भुजिया, खम्हारू, ओल, कोबी, कदीमा, केला, तिलकोर, कचनार का तरूआ, खीरा का रायता, टमाटर की चटनी, दहीबड़ा, धातरी की चटनी, पापड़, बड़-बड़ी, तिलौड़ी, दनौड़ी, चरौड़ी, आलू चिप्स, सरसो साग, बथुआ साग, मखान, सेवई, साम का खीर, गाजर का हलुआ, चावल का खीर, दही, रसगुल्ला, गुलाब जामुन, रसमलाई आदि का स्वाद चखा। भोजन के बाद राज्यपाल को पान, सुपारी, लौंग, इलायची, सौंफ व मिसरी दी गई।