बाढ़ प्रभावित 67 हजार परिवारों के खाते में पीएफएमएस के माध्यम से भेजी गई राशि
जिला में बाढ़ से प्रभावित 67 हजार 28 परिवारों के बीच 40 करोड़ 21 हजार 68 रूपये की सहायता राशि पीएफएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है। बाकी बचे प्रभावित परिवारों को एक सप्ताह के भीतर राशि भेजी जाएगी।
दरभंगा । जिला में बाढ़ से प्रभावित 67 हजार 28 परिवारों के बीच 40 करोड़ 21 हजार 68 रूपये की सहायता राशि पीएफएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है। बाकी बचे प्रभावित परिवारों को एक सप्ताह के भीतर राशि भेजी जाएगी। बताया कि 77 हजार बाढ़ प्रभावित परिवारों का डाटा आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार के संपूिर्त्त पोर्टल पर अपलोड किया गया है, जिसमें से 67 हजार 28 परिवारों का डाटा अंतिम रूप से चयनित हो गया है। उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कही। वे शुक्रवार को वे अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बताया कि बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दरभंगा सहित राज्य के अन्य बाढ़ प्रभावित जिलों के बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में नकद सहायता राशि भेजने का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। जिला में बाढ़ से 13 प्रखंडों के 65 पंचायत पूर्ण रूप से एवं 41 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हैं। बाढ़ के पानी में डूबने से 11 व्यक्तियों की मौत हो गई है। सभी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का चेक अनुग्रह अनुदान के रूप में दे दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बाढ़ में फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ठहरना। इसको लेकर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की चार टीमें लगातार राहत एवं बचाव के कार्य में जुटी हुई है। एनडीआरएफ की एक टीम में कुल 34 व्यक्ति एवं 8 मोटरवोट है। एनडीआरएफ की टीम को तारडीह, घनश्यामुपर, अलीनगर, मनीगाछी, जाले, सिंहवाड़ा में कार्य पर लगाया गया है। वहीं, एक टीम को गौड़ाबौराम में लगाया गया है। प्रभावित लोगों को सामुदायिक रसोई का संचालन करके पका हुआ खाना खिलाया जा रहा है। सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाकर 281 की जा चुकी है। जिसमें लगभग 60 हजार से अधिक व्यक्तियों को खाना खिलाया जा रहा है। बताया कि खुले में रह रहे लोगों को धूप एवं वर्षा से बचाव हेतु पर्याप्त संख्या में पॉलीथीन शीट्स उपलब्ध कराया गया है। अब तक कुल 8 हजार 56 पॉलीथीन शीट्स का वितरण किया जा चुका है। वहीं, जिन गांवों में सामुदायिक रसोई का संचालन करने में कठिनाई आ रही थी, वहां पीड़ितों के बीच सूखा राशन पैकेट वितरित किया जा रहा है। अबतक 13 हजार 500 सूखा राशन पैकेट वितरित किया गया है।
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ब्लीचिग पाउडर का किया जा रहा छिड़काव
डीएम ने बताया कि सभी अंचलों से बाढ़ का पानी निकलने लगा है। पानी के निकलते ही उन क्षेत्रों में ब्लीचिग पाउडर का व्यापक तौर पर छिड़काव शुरू कर दिया गया है, ताकि बीमारी के फैलने से रोका जा सके। छिड़काव सभी गांव, टोले व विद्यालय परिसर में किया जाएगा। ब्लीचिग पाउडर का छिड़काव करने को ले सिविल सर्जन की ओर से टीम बनाई गई है। इस कार्य में जीविका एवं आंगनवाड़ी कर्मी को भी सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, बाढ़ में डूब गए चापाकलों के बोरबेल में ब्लीचिग पाउडर डालकर चापाकल के पानी को साफ किया जा रहा है। यह कार्य पीएचईडी द्वारा किया जा रहा है। कार्यपालक अभियंता पीएचईडी द्वारा अब तक 300 से ज्यादा चापाकलों को साफ किए जाने की सूचना है।
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पांच स्थानों पर टूटान
जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ आने से कमला-बलान तटबंध पर 4 सहित कुल 5 स्थलों पर टूटान हुआ है। जिसकी मरम्मत का कार्य जल संसाधन विभाग की ओर से कराया जाएगा। बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा, ताकि आवागमन सामान्य हो सके। जिलाधिकारी ने बताया कि बांध पर ठहरे हुए व्यक्तियों को पानी उपलब्ध कराने हेतु पर्याप्त संख्या में चापाकल गाड़ा गया है एवं वहां जेरीकैन फिल्टर भी रखा गया है। बताया कि जिला आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे क्रियाशील है। यहां प्राप्त होने वाले सभी सूचनाओं एवं शिकायतों पर तत्क्षण कार्रवाई की जाती है। बताया कि शहरी सुरक्षा बांध पर कोई खतरा नहीं है। सभी तटबंधों पर पैनी नजर रखी जा रही है। मौके पर सहायक समाहर्ता विनोद दूहन, डीपीआरओ सुशील कुमार शर्मा आदि मौजूद थे।
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