स्वाद के साथ सेहत का रखा ख्याल, स्वीट्स-नमकीन के बाजार में आई तेजी
दरभंगा। शहर के मशहूर राधे-राधे रेस्टोरेंट की रौनक फिर से लौट आई है। मिठाइयों
दरभंगा। शहर के मशहूर राधे-राधे रेस्टोरेंट की रौनक फिर से लौट आई है। मिठाइयों की मिठास को कोरोना का कहर कम नहीं कर पाया है। इस संकटकाल में भी शहर के मिर्जापुर स्थित राधे-राधे रेस्टोरेंट ने अपना विस्तार किया है। स्वीट्स-नमकीन के साथ ग्रॉसरी का भी बाजार बढ़ा लिया है। प्रतिष्ठान के संचालक अरूण कुमार शर्मा कहते हैं, हमें शून्य से स्वाद के शिखर में पहुंचाने वाले हमारे ग्राहक ही हैं। अब लॉकडाउन के बाद अब स्वीट्स-नमकीन बाजार में 70 से फीसद बाजार बढ़ा है। ़खासतौर पर पिछले 6 महीने में ग्राहकों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग-सलाह ही हमारा संबल है।' ग्राहकों से लगातार संवाद कर मिठाई, खाने-पीने के उत्पादों सहित ग्रॉसरी ने स्वाद के साथ-साथ सेहत-सुरक्षा का खास ख्याल रखते हुए ऐसे उपाय किए, जिसे दूसरे उद्यमी भी अपना सकते हैं।
सेहत की सुरक्षा
अरूण शर्मा कहते हैं कि कोरोना में लॉकडाउन के बाद हमने रेस्टोरेंट का रेनोवेशन किया। मिठाई-नमकीन, खाने पीने के खाद्य पदार्थों के साथ ग्राहकों को ग्रॉसरी सामानों की खरीदारी करने का एक साथ मौका दिया। शारीरिक दूरी के पालन के साथ ही थर्मल स्क्रीनिग मशीन, सैनिटाइजर मशीन लगवाया।
साथ ही खाने-पीने के सामानों की डिलीवरी के लिए ग्राहकों से संपर्क बनाए रखा।
ऑनलाइन खरीद-भुगतान
लॉकडाउन के दौरान सामग्री जुटाना सबसे बड़ा चैलेंज था। हर कोई सामान जुटाने की किल्लत से जूझ रहा था। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन सामानों का ऑर्डर करने और भुगतान आदि के लिए ऑनलाइन एप बनवाया। कोरोना काल में सामान की डिलीवरी आसान हो गई। ग्राहकों को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए उनके घरों तक ऑनलाइन समान ससमय पहुंचवाया गया।
डिलीवरी के लिए एप
रेस्टोरेंट के संचालक कहते हैं ग्राहकों ने हमें फीडबैक दिया कि हम दुकान पर सुरक्षा की वजह से नहीं आ सकते और फोन लाइन कभी-कभार व्यस्त हो जाती है। ऐसी स्थिति में ऑर्डर मंगाने में दिक्कत रहती है। ग्राहकों की सलाह को ध्यान में रखते हुए हमने 'राधे-राधे ' नाम से एप बनाया। जो ग्राहक दुकान सामान लेने में सक्षम न थे, वह एप के माध्यम से ऑर्डर करने लगे। इससे सुरक्षा भी काफी हद तक सुनिश्चित हुई।
सुरक्षित पैकिग और अवकाश
शुचिता और सुरक्षा में भरोसा के लिए ़खास तरह की पैकिग शुरू की। इस अनूठी पैकिग को डिलीवरीमैन पूरे निर्देश पालन के साथ पहुंचाता है, जिससे मिठाई, स्नैक्स पूरी तरह सुरक्षित रहे। ग्राहक इसकी तारीफ भी कर रहे हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि पूरा स्टाफ एक साथ दफ्तर नहीं आ सकता था, लेकिन जहां चाह होती है वहां राह भी निकल ही आती है। कर्मचारियों ने ही सलाह दी कि हर दिन सीमित स्टाफ को बुलाएं। कुछ स्पेशलाइज्ड सामानों को बनाने वालों को अलग-अलग इंटरवल पर अवकाश दें। हमने कर्मचारियों के आने-जाने के प्रबंध को सुनिश्चित किया। इस तरह सीमित संसाधनों में भी हम ग्राहकों की सेवा कर पा रहे हैं।