अचानक मौसम का बदला मिजाज, तेज हवा संग हुई बारिश से नुकसान
दरभंगा। मौसम का मिजाज मंगलवार को अचानक बदल गया। धूल भरी आंधी के कारण दोपहर में शाम का नजारा दिखा। गाड़ियों की हेड लाइट दिन में जली। हवा इतनी तेज थी कि लोग सड़कों पर भागने लगे। सभी सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने की जल्दबाजी में थे। इसी बीच तेज बारिश शुरू होते ही सड़कें विरान हो गईं।
दरभंगा। मौसम का मिजाज मंगलवार को अचानक बदल गया। धूल भरी आंधी के कारण दोपहर में शाम का नजारा दिखा। गाड़ियों की हेड लाइट दिन में जली। हवा इतनी तेज थी कि लोग सड़कों पर भागने लगे। सभी सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने की जल्दबाजी में थे। इसी बीच तेज बारिश शुरू होते ही सड़कें विरान हो गईं। जो जहां था, वहीं ठिठक गया। अचानक बरसात के कारण लोगों के पास सुरक्षा के विकल्प नहीं थे। झमाझम बारिश ने एक बार फिर ठंड का एहसास कराया।
ग्रामीण इलाकों में कई जगहों पर ओले गिरे जिससे फसलों को काफी क्षति पहुंची। दलहन को ज्यादा हानि हुई। कई जगहों पर पेड़ भी गिरे। कई जगहों पर एसबेस्टस व फूस की झोपड़ियों को नुकसान पहुंचा है। देर शाम तक क्षति का आकलन नहीं हो सका था। मंगलवार को कुल 24 एमएम बारिश दर्ज की गई।
केवटी, संस : तेज आंधी-बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। मांगलिक कार्यों की तैयारी में जुटे लोगों की परेशानी बढ़ी। तेज हवा के कारण कई जगहों पर फूस-टाटी के घरों के छप्पर के साथ एसबेस्टस की चादर उड़ गई। कृषि वैज्ञानिक ने कहा-दलहन को नुकसान
जाले, संस. : जिला स्तरीय कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामनिवास सिंह ने बताया कि बारिश से मुख्यत: दलहन फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मसूर में अभी फूल के फल्ली लगने का समय है। ऐसे में जैसे ही मसूर में नमी बढ़ेगी तो उसमें रतुआ रोग फैलेगा। उन्होंने मसूर में प्रोपीकोनाजोल नामक दवा का डेढ़ एमएल के साथ बेटवेल या चिपको आधा एमएल को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने का सुझाव दिया। कहा कि चना एवं अरहर भी इस बारिश से प्रभावित होगा। उसमें अलबोर नामक दवा की डेढ़ ग्राम मात्रा एक ग्राम बेबीस्टीन के साथ प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना उचित होगा। गेहूं व मक्के की फसल के लिए बारिश लाभकारी।