ई-लाइब्रेरी की सुविधा से वंचित हैं मिथिला विश्वविद्यालय के विद्यार्थी
ललित नारायण मिथिला विवि के छात्रों को ई-लाइब्रेरी की सुविधा नहीं होने से उन्हें अध्ययन करने में कोरोना महामारी के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरभंगा । ललित नारायण मिथिला विवि के छात्रों को ई-लाइब्रेरी की सुविधा नहीं होने से उन्हें अध्ययन करने में कोरोना महामारी के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना को लेकर जारी लॉकडाउन और बंद पड़े शिक्षण संस्थान व इसी बीच विभिन्न पुस्तकालयों के भी बंद होने से छात्रों को किताबों का अध्ययन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिथिला विश्वविद्यालय परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में मौजूद किताबों का अध्ययन फिलहाल छात्रों के लिए संभव नहीं है। ऐसे में ई-लाइब्रेरी की सुविधा होती और पुस्तकालय में मौजूद किताबों की डिजिटाइजेशन कर उन्हें अपलोड किया हुआ होता, तो इन दिनों छात्र-छात्राएं उसे पढ़-लिख कर उसका लाभ उठा सकते हैं। लेकिन, ये संभव नहीं है। हालांकि, कुछ समय पहले मिथिला विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में मौजूद किताबों का डिजिटाइजेशन करने की योजना बनाई गई थी और इसके तहत सर्वप्रथम यहां स्थित दुर्लभ पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन किया जाना था। इसकी शुरुआत भी हुई थी. इसके लिए पदाधिकारियों की कई बार बैठक भी हुई थी। लेकिन, किसी कारणवश उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इतना ही नहीं, अब प्रकाशक नई किताबों की सॉफ्ट कॉपी को भी अपलोड कर रहे हैं, जिसे सब्सक्राइब करना पड़ता है। लेकिन, अब तक मिथिला विवि प्रशासन की ओर से सब्सक्रिप्शन को लेकर बातचीत ही की जा रही है। अगर, ऐसा होता तो नई किताबों को भी स्टूडेंट्स इंटरनेट पर पढ़ सकते हैं।
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अभी ई-कंटेंट्स का लिया जा रहा है सहारा :
ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रशासन की ओर से ई-लाइब्रेरी की तो व्यवस्था नहीं की गई। लेकिन, फिलहाल विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ई-कंटेंट के माध्यम से विभिन्न विभागों के शिक्षकों की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई की मेटेरियल को अपलोड किया जा रहा है। इससे स्टूडेंटस विश्वविद्यालय की वेबसाइट से ई-कंटेंट को खोलकर पढ़ सकते हैं। मिथिला विश्वविद्यालय के एक पदाधिकारी ने बताया कि सभी विभागों के विद्यार्थियों के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बना दिया गया है, जहां, पर ई-कंटेंट्स के मेटेरियल को भी विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास जारी है। हालांकि, विधान पार्षद डॉ. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय का कोई अपना एप बनाकर उस के माध्यम से छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा दी जा सकती है। मिथिला विश्वविद्यालय में ई-लाइब्रेरी को लेकर कई बार बैठक हो चुकी है। लेकिन, ई-लाइब्रेरी चालू नहीं हो सका है। एक पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में 25-30 ऐसे कोर्स हैं जैसे पीजी पाठशाला, ई शोध संधि, ई-कंटेंट जिससे सब्सक्राइब करने के बाद किताबों को पढ़ा जा सकता है। साथ ही मिथिला विवि में नई किताबों की सॉफ्ट कॉपी यथा ई बुक की सुविधा भी नहीं है, जिससे विद्यार्थी लाभ उठा सकें। लेकिन, इन्हें सब्सक्राइब करने की बात चल रही है।
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