आरटीआइ सही जानकारी के लिए कारगर : वीसी
दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग के सभागार में शुक्रवार को सूचना का अधिकार विषय पर कार्यशाला हुई। मौके पर कंपेंडियम ऑफ आरटीआइ केसेज नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।
दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग के सभागार में शुक्रवार को सूचना का अधिकार विषय पर कार्यशाला हुई। मौके पर 'कंपेंडियम ऑफ आरटीआइ केसेज' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान लोक सूचना पदाधिकारी प्रो. एन के अग्रवाल का कार्यकाल स्वर्णिम रहा है। इनके प्रयास से विश्वविद्यालय को प्रथम अवार्ड मिला। आरटीआइ के अच्छे और बुरे, दोनों पहलू है। अगर ठीक ढंग से व सही उद्देश्य से पर प्रश्न किया जाए तो यह कारगर होगा। आरटीआइ की बाबत समाज को और जागरूक करने की जरूरत है। पुस्तक विमोचन करते हुए इसकी सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक ज्ञानवर्धक, जनोपयोगी व समाजोपयोगी साबित होगी। प्रतिकुलपति प्रो. जय गोपाल ने वास्तविक जरूरतों के प्रश्न पूछने पर जोर दिया। भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए है आरटीआइ :
बतौर मुख्य अतिथि भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के ए ग्रेड सर्टिफाइड ट्रेनर सह लखनऊ विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त शिक्षक प्रो. नीरज कुमार ने कहा कि सबसे पहले आपको आपके कार्यक्षेत्र की जानकारी होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के आदेश के आलोक में अब कोई भी जानकारी ई-फार्मेट में भी मुहैया कराई जा सकती है, जिससे कि समय व पैसा, दोनों की बचत हो। सभी लोक सूचना पदाधिकारी को चाहिए कि वो अपना मुहर बनाए और आवेदनकर्ता को मुहर के साथ सर्टिफाइड कॉपी दें। अगर किसी आवेदक के आवेदन की कॉपी मांगे तो उसकी तस्वीर छिपाकर सारी जानकारी दी जा सकती है। कहा कि आरटीआइ का मूल उद्देश्य ही समाज में पारदर्शिता, सुगमता और ई-गवर्नेंस लाना है, जिससे कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में सहायक हो।
आरटीआइ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मनीष कुमार शेखर ने कहा कि इस एक्ट की बारीकियों को समझें और छात्रों को बताएं, ताकि समाज में इसे लोग सही तरीके से समझ सकें।
आरटीआइ के क्षेत्र में लनामिवि देश में अव्वल : लाइब्रेरी साइंस के निदेशक सह मिल्लत कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो. विजय कुमार मिश्रा ने विमोचित पुस्तक पर विस्तार से प्रकाश डाला। इससे पूर्व विषय प्रवेश के क्रम में विवि के लोक सूचना पदाधिकारी प्रो. नवीन कुमार अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान कुलपति के दिशा-निर्देशन में आरटीआइ के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि 2018 में 123 देश की रैंकिग में भारत का दूसरा स्थान है और भारत में बिहार का स्थान पहला है। देश में विश्वविद्यालयों की श्रेणी में आरटीआइ के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए लनामिवि को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। कुलपति की मंशा थी कि कॉलेज स्तर पर भी आरटीआइ के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हो। इसी आलोक में कार्यशाला का आयोजन हुआ है। कार्यक्रम का संचालन व अतिथियों का स्वागत पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो. अशोक कुमार मेहता ने व धन्यवाद ज्ञापन वाणिज्य विभागाध्यक्ष प्रो. हरेकृष्ण सिंह ने किया। मौके पर कई विभागों के विभागाध्यक्ष समेत कई कॉलेजों के प्रधानाचार्य, शोधार्थी व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।