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शोध एवं शिक्षण कार्य एक-दूसरे के पूरक

दरभंगा। लनामिविवि के कुलपति कार्यालय में मैथिली विभाग की ओर से शोध पत्रिका के 13वें अंक का शनिवार को

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 11:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 11:43 PM (IST)
शोध एवं शिक्षण कार्य एक-दूसरे के पूरक
शोध एवं शिक्षण कार्य एक-दूसरे के पूरक

दरभंगा। लनामिविवि के कुलपति कार्यालय में मैथिली विभाग की ओर से शोध पत्रिका के 13वें अंक का शनिवार को विमोचन कुलपति प्रो. एसके ¨सह ने किया। अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति ने पत्रिका की गुणवत्ता को लेकर कई सुझाव दिए। शोध एवं शिक्षण कार्य को एक-दूसरे का पूरक बताया। इसको लेकर सतर्क रहने की बात कहीं। एक-दूसरे के बिना किसी प्रकार की गुणवत्ता की परिकल्पना नहीं की जा सकती। शोध से विवि की पहचान होती है। शोध पत्रिका शोधार्थी और मार्गदर्शक दोनों के लिए है। बतौर मुख्य अतिथि प्रति कुलपति प्रो. जय गोपाल ने कहा कि शोध पत्रिका का निरंतर प्रकाशन कठिन कार्य है, लेकिन विभाग ने यह कर दिखाया। वहीं, कुलसचिव प्रो. मुस्तफा कमाल अंसारी ने कहा कि शोध के प्रति जागरुकता लाना सामूहिक कार्य है। इसमें सबको हाथ बटाना चाहिए। पूर्व विधान पार्षद और समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद चौधरी ने शोध पत्रिका के विमोचन को बड़ी उपलब्धि बताते शौक्षणिक विकास का मापदंड बताया। विवि के प्रभारी चिकित्सक डॉ. गीतेंद्र ठाकुर ने कहा कि मैथिली विभाग गतिशील है। शोध पत्रिका निकालना सामूहिक कार्य है। गुणवत्तापूर्ण आलेख के लिए सबों को प्रयास करना चाहिए। इससे पूर्व विवि मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. रमन झा ने आगत-अतिथियों का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन मैथिली विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. वीणा ठाकुर ने किया। मौके पर विभाग के गोपाल प्रसाद, रौशन कुमार यादव, उमाशंकर दीक्षित सहित कई कर्मी मौजूद थे।

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