एमएल एकेडमी का लौटेगा गौरव : मुख्य सचिव
एमएल एकेडमी का अतीत गौरवशाली रहा है। आज जरूरत है कि उस गौरव को पुनस्र्थापित करने की।
दरभंगा। एमएल एकेडमी का अतीत गौरवशाली रहा है। आज जरूरत है कि उस गौरव को पुनस्र्थापित करने की। इसके लिए सरकार के स्तर से हर संभव सहयोग मिलेगा। स्कूल की आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए तत्काल एक प्लान बनाने की जरूरत है। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया गया है। स्कूल के ख्यातिप्राप्त प्रधानाचार्य स्व. ¨झगुर कुंवर की प्रतिमा परिसर में स्थापित करने की दिशा में भी सरकार के स्तर से प्रयास किया जाएगा। एमएल एकेडमी में एलुमनाइ मीट में भाग लेने पहुंचे सूबे के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने उक्त बातें कही। 1974 बैच के छात्र रह चुके कुमार ने कहा कि पहले स्कूल 10 से 4 बजे तक चलते थे। अब बच्चे सुबह 6-7 बजे स्कूल पहुंचते हैं। ऐसे में वे आधा दिन स्कूल में और आधा घर पर बिताते हैं। टीचर भी आधे दिन दूसरे कार्यों में लिप्त रहते हैं। शिक्षा के क्वालिटी में इससे बड़ा अंतर आया है। इस दिशा में हम कार्य कर रहे हैं। उन्होंने स्कूल में बिताए दिनों को याद किया और उस समय के स्कूल व छात्रों की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अपर सचिव राकेश मोहन, एमएलसी डॉ. दिलीप कुमार चौधरी, पूर्व शिक्षक रामचंद्र लाल दास, जगन्नाथ झा, जगत नारायण, मीरा कुमारी, प्राचार्य डॉ. विश्वभारती यादव, डॉ. सीएम झा, डॉ. जीएन दूबे, पूर्व एमएलसी डॉ. विनोद कुमार चौधरी, महासचिव मणिकांत झा, इंद्रकांत झा, डीएम डॉ. चंद्रशेखर ¨सह, एसएसपी गरिमा मलिक समेत कई गणमान्य उपस्थित थे। बता दें कि स्कूल के कई छात्र वर्तमान में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं।
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प्रतिभाशाली छात्रों को नहीं होने देंगे संसाधन की कमी : डीजी
एमएल एकेडमी एलुमनाइ एसोसिएशन के अध्यक्ष व आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि एसोसिएशन के गठन का उद्देश्य स्कूल के गौरवशाली इतिहास को पुन: बहाल करना है। एसोसिएशन का प्रयास रहेगा कि स्कूल के प्रतिभाशाली छात्रों को आगे की पढ़ाई में संसाधन की कमी ना हो। वीडियो कांफ्रें¨सग के माध्यम से शिक्षा देने का प्रयास होगा। बच्चों को सॉफ्ट स्कील, नई टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर लैब आदि की सुविधा मुहैया करायी जाएगी।
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शासन में विकृति से समाज बना अनुशासनहीन : अमर
1901 में स्थापित स्कूल में 11 अगस्त 1947 को नामांकन लेने वाले स्कूल में शिक्षक रह चुके वयोवृद्ध मैथिली साहित्यकार चंद्रनाथ मिश्र अमर ने कहा कि शासन में विकृति आने से समाज में अनुशासन खत्म हो चुका है।
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सांस्कृतिक कार्यक्रमों से झंकृत हुआ परिसर :
कार्यक्रम के दौरान स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। छठ गीतों की प्रस्तुतियां हुई। सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। बैच के आधार पर पुराने छात्रों की सामूहिक फोटोग्राफी करायी गई। संचालन अमलेन्दु शेखर पाठक व अनिता ने किया। रिटायर्ड शिक्षकों एवं छात्रों को सम्मानित किया गया।
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शौचालय का हुआ जीर्णोद्धार:
परिसर में ठप पड़ चुके शौचालय का एसोसिएशन की ओर से जीर्णोद्धार कराया गया। चार शीट का नया मूत्रालय बनाया गया है। इसका उदघाटन पूर्ववर्ती छात्र व राज्य खाद्य निगम के निदेशक विवेकानंद झा ने किया। कहा कि जल्द ही परिसर में अत्याधुनिक शौचालय निर्माण कराया जाएगा।
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आमसभा में कई प्रस्ताव हुए पारित :
- शिक्षा के स्तर में सुधार हो
- आधारभूत संरचना का विकास हो
- स्वच्छता कार्यक्रम की निरंतरता
- तकनीकीपरक शिक्षा की शुरुआत
- मेधावी छात्रों के लिए पुरस्कार व छात्रवृत्ति
- एसोसिएशन के कार्यालय के लिए जगह की तलाश
- आधुनिक तकनीक व प्रयोगशाला उपकरण की व्यवस्था
- कैंपस के पारंपरिक सौंदर्य को बरकरार रखने के लिए ब्लू¨प्रट
- कैंपस के दक्षिणी भाग स्थित विज्ञान खंड का पुनर्निर्माण
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