मैराथन के प्रमाणपत्र के लोभ में हजारों प्रतिभागी हुए ठगी के शिकार
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को आयोजित बिहार अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ में देश और विदेश के हजारों प्रतिभागी ठगी के शिकार हो गए।
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को आयोजित बिहार अंतरराष्ट्रीय मैराथन दौड़ में देश और विदेश के हजारों प्रतिभागी ठगी के शिकार हो गए। बिहार के विभिन्न जिले के अलावा, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, मध्यप्रदेश, यूपी, महाराष्ट्र सहित कई राज्य सहित केन्या, वेस्टइंडीज आदि देश के युवक और युवतियां प्रमाण पत्र के लोभ में फंस गए। दौड़ में शामिल होने के लिए आए संतोष कुमार, मो. अनवर, शिवानी, बैद्यनाथ कुमार, भैरोनाथ, गोविद गोप, युगल कुमार, अभजीत, घनश्याम आदि प्रतिभागियों ने बताया कि उन लोगों से 15 सौ से लेकर साढ़े आठ सौ रुपये की ठगी की गई है। देश के मैराथन दौड़ की अधिकृत संस्था इंडिया रनिग की बेवसाइट से बिहार मैराथन डॉट कम की साइट को लिक कर दिया गया था। इस कारण से सभी ने विश्वास कर ऑनलाइन राशि जमाकर अपना निबंधन करा लिया। बताया कि इसमें सैकड़ों ऐसे भी प्रतिभागी थे, जिन्होंने 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर, 5 किलोमीटर, दो किलोमीटर और 1600 मीटर की दौड़ में अलग-अलग निबंधन कराया था। ताकि, किसी भी समूह में वे टॉप टेन में शामिल हो सकें। इससे मिलने वाले प्रमाणपत्र और मेडल से उन्हें सेना भर्ती में मदद मिलता। इसी लालच में आकर युवक ठगी के शिकार हो गए। बिहार में पहली बार ऐसे आयोजन का दावा करने वाले आयोजक रमणजी यादव के नाम से एक गाना भी तैयार किया गया था, जो जय हो.. नामक गीत की तर्ज पर था। इसमें टी-र्शट के अलावा, पानी, एंबुलेंस, जूस, प्रमाणपत्र, मेडल, ठहरने और सुरक्षा की उत्तम व्यवस्था देने का प्रलोभन दिया गया था। इसके अलावा 13 लाख रुपये इनामी की राशि भी तय की गई थी।
अज्ञात पर प्राथमिकी, कार्ड पर आयोजकों का नाम : ठगी के शिकार हुए प्रतिभागियों के बवाल और आगजनी के बाद अज्ञात आयोजकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसमें बेगूसराय के संतोष कुमार, झारखंड के सिंहभूम निवासी गोविद गोप, गया के भैरोनाथ, दरभंगा के युगल कुमार आदि सहित छह प्रतिभागियों ने आयोजकों पर ठगी करने का आरोप लगाया है। वहीं, दूसरी प्राथमिकी टेंट हाउस मालिक व बहादुरपुर थाना के गंगापट्टी निवासी अजय कुमार ने की है। इसमें आयोजकों और प्रतिभागियों पर लाखों के सामान को आग के हवाले करने का आरोप लगाया है। वहीं तीसरी प्राथमिकी पुलिस के बयान पर दर्ज कराई गई है। लेकिन, किसी भी प्राथमिकी में आयोजक के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। बताया जाता है कि अनुसंधान में नाम सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी। जबकि, प्रचार ऑडियो में रमणजी यादव का नाम है, जो दौड़ के निदेशक हैं। अल्लपट्टी दुर्गा मंदिर के पास इसका कार्यालय होने की बात प्रचार में की गई है, जिसमें कई मोबाइल नंबर भी अंकित है। इसके अलावा आमंत्रण कार्ड में अजय मल्होत्रा, गंगा यादव, मेयर राजेश यादव, पूजा मिश्रा, आनंद झा का नाम भी दिया गया है, लेकिन ये कौन लोग हैं और इनका पता क्या है इसका पर्दाफाश करना पुलिस के लिए चुनौती है। इसके अतिरिक्त जन अधिकार पार्टी के जिलाध्यक्ष डॉ. अब्दुस सलाम उर्फ मुन्ना खां ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को आमंत्रित किया था। इसमें दौड़ का उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव करने की बात कही गई थी। इस मैराथन और फर्जीवाड़ा से इन लोगों का क्या संबंध है, इसे भी पुलिस खंगालने में जुटी है। इस घटना में चाय दुकानदार राजू यादव और फल दुकानदार शंकर सहनी की दुकान को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था, लेकिन दुकानदारों ने इसको लेकर शिकायत नहीं की है।
पुलिस को नहीं थी आयोजन की सूचना : इतना बड़ी आयोजन की जानकारी से पुलिस ने इंकार किया है। नगर एसपी योगेंद्र कुमार ने कहा कि इतनी भीड़ होगी, इसकी सूचना नहीं थी। आयोजक ने इसकी सूचना पहले नहीं दी। शनिवार को इसकी सूचना दी गई और पुलिस बल की तैनाती की गई। इधर, बताया जा रहा है कि सदर एसडीपीओ को इसकी जानकारी पहले से थी। शनिवार को ही एक पत्र उन्होंने निर्गत किया था, जिसकी प्रति घटना होने के बाद पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर डाली गई।